video: आखिर कब होंगे विवादो के शटर बंद ?
जयपुर मेट्रो में बाधक बताकर छोटी चौपड़ से हटाए गए मंदिरों के शटर भले ही हटा दिए गए हों. लेकिन विवादों के शटर अभी बंद होने का नाम नही ले रहे है । मंदिरों में शटर लगाने का विवाद अभी शांत हुआ ही नही कि आतिश मार्केट में शिफ्ट मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कोताही बरतने की चर्चाएं जोर पकडने लगी है ।
जयपुर•Jul 07, 2015 / 02:55 pm•
जयपुर मेट्रो में बाधक बताकर छोटी चौपड़ से हटाए गए मंदिरों के शटर भले ही हटा दिए गए हों. लेकिन विवादों के शटर अभी बंद होने का नाम नही ले रहे है । मंदिरों में शटर लगाने का विवाद अभी शांत हुआ ही नही कि आतिश मार्केट में शिफ्ट मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कोताही बरतने की चर्चाएं जोर पकडने लगी है ।
मंदिर से जूडे श्रृद्दालुओं का मानना है कि प्रतिमाओं को यहां प्रतिष्ठित कराने में प्रशासन ने जल्दबाजी ही नही की, बल्कि कोताही भी बरती है । रोजगारेश्वर महादेव मंदिर के शिखर से हटाया गया संगमरमर का कलश एंव अन्य पाषाण खंडित अवस्था में मंदिर परिसर में ही एक तिरपाल से ढके हुए मलबे के रुप में पडा है ।
गणेश राम गुर्जर का कहना है कि मंदिर को तोडने से पहले यदि कलश और अन्य नक्काशीदार पत्थरों को हटा लिया जाता तो ये खंडित नही होते। कलश और मुर्तियों का खंडित होना इस बात को साबित करता है कि मंदिर हटाने में कितनी लापरवाही की गई है ।
मंदिर परिसर की तोडी गई पुरानी चोर दिवारी का मलबा मंदिरों के ही चोरों और पडा है । मलबे के कारण यहां आने वाले श्रृद्दालुओं को खासी परेशानी का सामना करना पडता है । मंदिर निर्माण की सामग्री मंदिर के मुख्य द्वार के सामने पडी है जो कि श्रृद्दालुओं की राह मे रोड़ा बना हुआ है । इसके लिए ना तो मंदिर का पुजारी कुछ कर रहा है ना ही प्रशासन ।