बीमा क्लेम दावा खारिज करने पर दस हजार रुपए हर्जाना
-जिला उपभोक्ता मंच का फैसला: 2018 में करवाया था मोटरसाइकिल का बीमा
जयपुर. जिला उपभोक्ता मंच ने देरी से क्लेम करने के आधार पर बीमा दावा खारिज करने को सेवादोष करार दिया है। मंच ने वाहन मालिक के बीमा दावे में काटी गई राशि नौ फीसदी ब्याज सहित देने के आदेश दिए। इसी के साथ मंच ने दस हजार रुपए हर्जाना चुकाने के आदेश भी दिए हैं। अनिल कुमार टेलर ने मंच में परिवाद दायर करते हुए कहा कि मोटरसाइकल का 14 फरवरी 2018 को बीमा करवाया। कंपनी ने वाहन की कीमत 49,210 रुपए आंकी। मोटरसाइकिल 4 अगस्त को चोरी हो गई। इसकी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद 8 अगस्त को बीमा क्लेम का दावा किया। बीमा कंपनी ने क्लेम दावे को खारिज कर दिया। टेलर ने उपभोक्ता मंच में परिवाद दायर किया। जिसके बाद कंपनी ने 31 जनवरी 2019 को 48,110 रुपए का क्लेम जारी कर दिया। इसी के साथ बीमा कंपनी ने परिवाद को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि परिवाद गलत तथ्यों पर दायर किया गया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मंच के अध्यक्ष नगेंद्रपाल भंडारी ने कहा कि बीमा कंपनी क्लेम में से सौ रुपए खर्च के काट सकती थी। इस वजह से 1010 रुपए का कम भुगतान किया है। कम दी गई राशि और बीमा क्लेम देरी से किए गए भुगतान पर नौ फीसदी ब्याज परिवादी को देने का आदेश दिया। मंच ने बीमा कंपनी को पांच हजार रुपए क्षतिपूर्ति और पांच हजार रुपए परिवाद व्यय के देने के आदेश भी दिए।
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