फिल्म पानीपत पर नहीं थम रहा विवाद : राजस्थान के जाट नेताओं ने जताया विरोध
जयपुर। फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारीकर की फिल्म पानीपत द ग्रेट बिट्रेयल (panipat movie) में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने एवं आगरा का किला उन्हें सौंप जाने की मांग करते बताया गया है। जाट समाज के नेताओं ने पानीपत फिल्म से विवादित दृश्य (panipat movie controversy) नहीं हटाने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
फिल्म पानीपत पर नहीं थम रहा विवाद : राजस्थान के जाट नेताओं ने जताया विरोध
जयपुर। फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारीकर की फिल्म पानीपत द ग्रेट बिट्रेयल में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने एवं आगरा का किला उन्हें सौंप जाने की मांग करते बताया गया है। इस पर मराठा पेशवा सदाशिव राव आपत्ति भी जताते हैं और महाराजा सूरजमल अहमदशाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध में साथ देने से इनकार कर देते हैं। इतिहास के जानकारों का दावा है कि फिल्म में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है। साथ ही फिल्म में महाराजा सूरजमल का संवाद हरियाणवी और राजस्थानी भाषा में बताया गया है। जबकि महाराजा सूरजमल ब्रजभाषा में ही संवाद करते थे। अब इस फिल्म को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। जाट समाज के नेताओं ने फिल्म से विवादित दृश्य नहीं हटाने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
ऐतिहासिक तथ्यों से की छेड़छाड़ : विश्वेंद्र सिंह
पर्यटन एवं देवस्थान मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यह दुख की बात है कि ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट का चित्रण पानीपत फिल्म में गलत तरीके से किया। मेरा मानना है कि हरियाणा, राजस्थान और उत्तर भारत के जाट समुदाय में विरोध देखते हुए फिल्म पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए, अन्यथा कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। मैं महाराजा सूरजमल की 14वीं पीढ़ी से हूं। वास्तविकता यह है कि पेशवा और मराठा जब पानीपत युद्ध हार कर और घायल होकर लौट रहे थे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने छह माह तक सम्पूर्ण मराठा सेना और पेशवाओं को पनाह दी थी।
फिल्म निर्देशक मांगे माफी : डोटासरा
बॉलीवुड फिल्म पानीपत को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने रविवार को एक ट्वीट कर फिल्म के निर्देशक से तुरंत माफी मांगने और गलती को ठीक करने की मांग की है। ट्वीट में मंत्री डोटासरा ने कहा है कि महाराजा सूरजमल के गलत चित्रित किरदार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान के कण-कण में महाराजा सूरजमल की वीरता के किस्से विद्यमान है। फिल्म के निर्देशक को तुरंत माफी मांगकर गलती ठीक करनी चाहिए।
यह बोले साहित्यकार
25 अक्टूबर, 1759 को अहमद शाह अब्दाली सिंध पार कर दिल्ली तक आ गया, लेकिन किसी भी राजा ने उसके साथ युद्ध नहीं किया। जनवरी, 1760 में 50 हजार सैनिकों सहित पेशवा बाजीराव व अन्य लोगों से सहयोग के रूप में एक लाख की सेना लेकर दिल्ली की ओर से कूच किया। सदाशिव राव को सूरजमल ने बहुत सारे परामर्श दिए लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद भी महाराजा सूरजमल ने सदाशिव राव का काफी सहयोग किया।
रामवीर सिंह वर्मा, साहित्यकार
सूरजमल का गलत चित्रण निंदनीय : राजे
पानीपत फिल्म में विवादित दृश्य को लेकर भाजपा ने विरोध शुरू किया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने फिल्म में महाराजा सूरजमल के गलत चित्रण को निंदनीय बताया। राजे ने कहा कि स्वाभिमानी, निष्ठावान महाराजा सूरजमल का फिल्म निर्माता की ओर से फिल्म पानीपत में किया गया गलत चित्रण निंदनीय है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने फिल्म के निर्माता निर्देशकों की ओर से महाराजा सूरजमल के गलत चित्रण की निंदा की। उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल हिंदूवा सूरज थे। उन्होंने जिंदगीभर मुगलों के खिलाफ संघर्ष किया। इस संघर्ष के कारण ही उनका नाम इतिहास के वीर योद्धाओं के पृष्ठों पर दर्ज हुआ। भरतपुर उनके नेतृत्व में हमेशा अजेय और अभेद बना रहा। उनके बारे में किया गया गलत चित्रण निंदनीय है। इतिहास के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करके सस्ती लोकप्रियता हासिल करना गलत है।
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