मंगलवार को गुढ़ा साल्ट में स्थितियों का जायजा लेने पहुंचे वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने नावां क्षेत्र में देरी से शुरू हुए पक्षियों के बचाव कार्य पर आक्रोश जताया। उन्होंने मौके पर मौजूद वनाधिकारियों और एडीएम को लताड़ लगाते हुए कहा कि, जब सांभर में पक्षियों की मौत की घटना सामने आ चुकी थी, तो कहां थे। गंभीर हालात होने के बावजूद भी नहीं जागे। यह घोर लापरवाही है। साथ बरेली स्थित आइवीआरआइ व प्रदूषण विभाग से रिपोर्ट आने की संभावना जताई जा रही है।
– नावां रेस्क्यू सेंटर में वन मंत्री बिश्नोई सरकार का बचाव करते नजर आए। झील क्षेत्र में लगातार अवैध ट्यूबवैल के मामले में उन्होंने साफ इंकार कर दिया। पत्रिका ने हालात से रूबरू कराया तो उन्होंने कार्रवाई करने की बात कही।
ठंड के मौसम में दुर्लभ पक्षियों से गुलजार रहने वाली झील अब सुनसान नजर आ रही है। माने यहां से पक्षियों की कलरव ही गायब हो गई। पक्षी विशेषज्ञों के मुताबिक बीमार हालत में कई पक्षी दोबारा अपने स्वदेश नहीं लौट पाएंगे। इसलिए सरकार को उनके बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है।