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जयपुर

60 फुट से कम पर नहीं बनेगी बहुमंजिला इमारत, छोडऩा होगा 24 मीटर सैटबैक

विकसित कॉलोनियों में आस-पास के लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए सख्त होंगे प्रावधान,उनकी सुविधाओं का रखा जाएगा पूरा ध्यान

जयपुरNov 13, 2019 / 01:39 am

Ankit

Collectorate building will be ready soon, will get these facilities

भवन का कार्य लगभग पूर्ण, गार्डन और अन्य कार्य जारी

जयपुर। शहर में बहुमंजिला इमारतों के निर्माण को लेकर राज्य सरकार जल्द ही गाइडलाइन जारी करेगी। नई गाइडलाइन का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। स्वायत्त शासन विभाग इसको लेकर स्वीकृति दे चुका है। विभाग के अधिकारियों की मानें तो 60 फुट से कम चौड़ी सडक़ पर कोई भी बहुमंजिला इमारत का नक्शा स्वीकृत नहीं किया जाएगा। साथ ही ऐसे प्रोजेक्ट में इमारत की अधिकतम ऊंचाई 15 मीटर ही होगी। गाइडलाइन में बहुमंजिला इमारतों के निर्माण के लिए कम से कम 1500 वर्गमीटर भूमि आवश्यक होगी। अब तक 1 हजार वर्गमीटर भूमि की जरूरत होती थी। साथ ही सैटबैक भी 12-12 मीटर छोडऩा होगा।
राजस्थान पत्रिका के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी की पत्र याचिका के मामले में हाईकोर्ट ने 12 जनवरी 2017 को आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि राज्य सरकार शहरों में बहुमंजिला इमारतें तय करने के लिए जोनल डवलपमेंट प्लान या मास्टरप्लान में स्थान निर्धारित करे। साथ ही मौजूदा कॉलोनियों में रह रहे निवासियों के अधिकार पर प्रतिकूल असर डालते हुए इन इमारतों की स्वीकृति नहीं दी जाए। इस आदेश के बाद शहरी निकायों ने बहुमंजिला इमारतों की स्वीकृति देना बंद सा कर दिया था। इसके चलते कई प्रोजेक्ट्स भी अटक गए हैं।
ऐसे होगा निर्माण
-100 फीट से अधिक चौड़ी सडक़ पर ही सडक़ की चौड़ाई के डेढ़ गुना के बराबर इमारत की ऊंचाई स्वीकृत की जा सकेगी।

-12 मीटर या इमारत की ऊंचाई का एक चौथाई, जो भी अधिक होगा उसके अनुसार सेटबैक छोडऩे होगा।
-सभी तरह के भूखंडों के लिए ग्राउंड कवरेज अधिकतम 30 प्रतिशत ही रखा गया है।
-गाइडलान में पहली बार किया गया है कि 100 फीट चौड़ी सडक़ तक इमारत की अधिकमत ऊंचाई 24 मीटर ही होगी।
-शहरों में मौजूदा कॉलोनियों में बहुमंजिला इमारतों का निर्माण भी किया जा सकेगा।

विकसित इलाकों में करना होगा ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर काम
विकसित इलाकों में बहुमंजिला इमारत का निर्माण करते समय स्थानीय लोगों को परेशानी न हो, इसका भी ध्यान रखना होगा। साथ ही निर्माण ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर काम करना होगा। चार दीवारी के सहारे पौधरोपण, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लॉन्ट से लेकर वेस्ट वाटर रियूज सिस्टम, सौर ऊर्जा और वर्षा जल का संग्रहण करना अति आवश्यक होगा। इतना ही नहीं, ऐसी इमारतें भूखंडों को पुनर्गठित करके भी बनाया जा सकेगा।
यहां भी राहत
-कोई भी विकासकर्ता या खुद संबंधित निकाय कॉलोनी के कई छोटे भूखण्डों को मर्ज कर रिडवलपमेंट प्रोजेक्ट ला सकेगा।

-वहीं सडक़ें व सुविधा क्षेत्र मर्ज हो सकेंगे। इसमें यह भी ध्यान रखना होगा कि कॉलोनी के दूसरे निवासियों के हित प्रभावित न हों।
-विकासकर्ता को ऐसी मर्ज की गई भूमि के लिए आवासीय डीएलसी दर के हिसाब से निकाय को राशि भी देनी होगी।
-ऐसे प्रोजेक्ट के लिए जयपुर में कम से कम 2 हैक्टेयर और अन्य शहरों में 1 हैक्टेयर भूमि की जरूरत होगी।
-60 फीट से अधिक चौड़ी सडक़ पर सडक़ की चौड़ाई के डेढ़ गुना के बराबर इमारत की ऊंचाई स्वीकृत की जा सकेगी
वर्जन….
2017 में हाईकोर्ट ने बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कहां, कैसे हो, इसको लेकर सरकार को निर्देश दिए थे। उसको लेकर सरकार के स्तर पर ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। यह अंतिम चरण मे हैं। जल्द ही इसे राज्य भर में लागू किया जाएगा।
-भास्कर ए सावंत, प्रमुख शासन सचिव, यूडीएच

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