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जयपुर

Adani Power : 2500 करोड़ के लोन का ब्याज भी जनता ही चुका रही, फिर पड़ेगी दोहरी मार

राज्य सरकार भी गारंटी के तौर पर 1 प्रतिशत रोकड़ वसूल रही

जयपुरJul 28, 2021 / 11:38 pm

Bhavnesh Gupta

Adani Power : 2500 करोड़ के लोन का ब्याज भी जनता ही चुका रही, फिर पड़ेगी दोहरी मार

Adani Power : 2500 करोड़ के लोन का ब्याज भी जनता ही चुका रही, फिर पड़ेगी दोहरी मार

भवनेश गुप्ता
जयपुर। अडानी पॉवर को बिजली उत्पादन के बदले कोयला भुगतान के मामले में राज्य की जनता पर दोहरी मार पड़ेगी। कंपनी के 4500 करोड़ से ज्यादा राशि के क्लेम के आधार पर यह राशि चुकाई जाती है तो डिस्कॉम्स को लोन लेना होगा। इसमें ब्याज का भुगतान का भार भी जनता पर भी आएगा। अब तक 2624 करोड़ रुपए अडानी पॉवर को दिए गए और उसके लिए डिस्कॉम्स ने करीब 2500 करोड़ रुपए का लोन लिया। इसके लिए 12 प्रतिशत की दर से ब्याज चुकाना पड़ रहा है। यह ब्याज राशि भी बिजली उपभोक्ताओं के बिल में जोड़कर भेजी जा रही है। इसीलिए मौजूदा हालात में भी यही आशंका बन गई है। इस तरह प्रदेशवासियों पर दोहरी मार पड़ना लगभग तय है। हालांकि, उर्जा विकास निगम के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी वास्तविक भुगतान राशि की गणना कर रही है। गौरतलब है कि डिस्कॉम्स और अडानी पॉवर राजस्थान लि. के बीच बिजली खरीद का अनुबंध है। कंपनी ने राजस्थान के कवई में 1320 मेगावॉट क्षमता का बिजली उत्पादन प्लांट लगाया हुआ है। यहां से डिस्कॉम्स को बिजली सप्लाई की जा रही है।

राज्य सरकार भी ब्याज लेने से नहीं चूकी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डिस्कॉम्स पहले ही अडानी पॉवर को 2624 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है। घाटे में दबे डिस्कॉम्स ने बैंक से लोन लिया। इसके लिए राज्य सरकार ने गारंटी दी। बैंक को ब्याज देने के साथ ही डिस्कॉम सरकार को भी 1 प्रतिशत ब्याज दे रही है। जबकि, सरकार को पता है कि इस राशि का भार जनता से विद्युत बिल के जरिए वसूला जा रहा है।
नाकामी या मनमानी
-बिजली खरीद को लेकर किए गए अनुबंध दस्तावेज तैयार करने में कोई गड़बडी हुई या फिर उसे समझने में अफसर नाकाम रहे।
-ऊर्जा विकास निगम व डिस्कॉम्स के अफसर एग्रीमेंट से जुड़े चेंज इन लॉ धारा की अपनी-अपनी व्याख्या करते रहे। इसे समझने में नाकामी तो नहीं। क्योंकि, चेंज इन लॉ धारा को पहले नकारते रहे और फिर खुद ने ही स्वीकार कर लिया। ऐसे अफसरों की जांच
-ऐसे जिम्मेदार अफसर, जिनके कारण ऐसे हालात बने है, उन पर एक्शन क्यों नहीं।
यहां कैरिंग चार्ज 9 प्रतिशत देना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने बकाया भुगतान के साथ कैरिंग चार्ज भी देने के आदेश दे रखे हैं। हाालंकि, यह 9 प्रतिशत ही देने के लिए कहा है, जबकि अडानी पॉवर की पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत 15 प्रतिशत की मांग थी।

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