राज्य सरकार भी ब्याज लेने से नहीं चूकी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डिस्कॉम्स पहले ही अडानी पॉवर को 2624 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है। घाटे में दबे डिस्कॉम्स ने बैंक से लोन लिया। इसके लिए राज्य सरकार ने गारंटी दी। बैंक को ब्याज देने के साथ ही डिस्कॉम सरकार को भी 1 प्रतिशत ब्याज दे रही है। जबकि, सरकार को पता है कि इस राशि का भार जनता से विद्युत बिल के जरिए वसूला जा रहा है।
-बिजली खरीद को लेकर किए गए अनुबंध दस्तावेज तैयार करने में कोई गड़बडी हुई या फिर उसे समझने में अफसर नाकाम रहे।
-ऊर्जा विकास निगम व डिस्कॉम्स के अफसर एग्रीमेंट से जुड़े चेंज इन लॉ धारा की अपनी-अपनी व्याख्या करते रहे। इसे समझने में नाकामी तो नहीं। क्योंकि, चेंज इन लॉ धारा को पहले नकारते रहे और फिर खुद ने ही स्वीकार कर लिया। ऐसे अफसरों की जांच
-ऐसे जिम्मेदार अफसर, जिनके कारण ऐसे हालात बने है, उन पर एक्शन क्यों नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने बकाया भुगतान के साथ कैरिंग चार्ज भी देने के आदेश दे रखे हैं। हाालंकि, यह 9 प्रतिशत ही देने के लिए कहा है, जबकि अडानी पॉवर की पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत 15 प्रतिशत की मांग थी।