जयपुर
शहर में गुरुवार रात आश्रम मार्ग से चित्रकूट जाने के लिए ओला कैब में सवार हुई 21 वर्षीय युवती के ज्यादती की कोशिश की गई। जिसके बाद एक बार फिर राज्य सरकार ने कैब कंपनियों पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है और सुरक्षा को लेकर मापदंड तय कर दिए है। लेकिन जयपुर शहर में होने वाली ऐसी घटनाओं के बाद जयपुर पुलिस (Jaipur Police Commissionerate)से लेकर प्रशासन तक जागता है तो है लेकिन सख्त नियम बनाकर ही प्रशासन भूल जाता है। आज से करीब तीन साल पहले भी जयपुर शहर में हुई एक ऐसी ही घटना के बाद जयपुर कमिश्रनेट पुलिस ने देर रात चलने वाले होटल,पब्स (hotels,
clubs , pubs)और कैब (cabs)चालकों के लिए नियम कायदे बनाए थे। लेकिन इन नियमों की कोई पालना तक नहीं करवा पाया और जयपुर में कैब में हुई युवती के साथ ज्यादती के कोशिश की घटना ने कमिश्नरनेट के बनाए नियम कायदों की पोल खोल दी है।
इस घटना के बाद बने थे यह नियम
आज के करीब तीन साल पहले सात अक्टूबर 2016 की रात थी। जब जयपुर में एक लड़की के अपहरण की सूचना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। अहिंसा सर्किल से देर रात पार्टी कर एक पब से नशे में निकली एक युवती का अपहरण करने के कैब चालक पर आरोप लगे थे। लेकिन इसमें आरोपी कैब चालक नहीं निकला था। लेकिन इस घटना ने शहर में रात में चल रही युवक युवतियों के नशे की लाइफ की पोल खोल कर रख दी थी। इस घटना में नशे में युवती एक निजी कार को कैब समझ कर बैठ गई थी और युवक ने युवती के साथ ज्यादती की कोशिश की थी। तब इस घटना के बाद पुलिस कमिश्नरेट ने देर रात चलने वाले होटल,डिस्को और पब्स के लिए नियम कायदे तय किए थे। लेकिन इन नियम कायदों को बनाकर पुलिस खुद भी भूल गई। पुलिस नियम कायदे बनाकर क्या भूली की होटल,बार और पब्स के संचालक भी इन नियमों की पालना करना भूल गए । 2016 की रात हुई घटना के बाद तत्कालीन पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल ने सभी नाइट क्लबस और पब्स को दिशा निर्देश दिए थे कि कि वह देर रात को उनके यहां से निकलने वाली युवतियों की सुरक्षा जिम्मेदारी को तय करें। इन नियमों के अनुसार क्लब या होटलबार रात को 12 बजे बंद हो जाने चाहिए थे। वहीं नाइट क्लबस,पब्स,होटल के बाहर हैल्प डेस्क बनाने को कहा था। साथ ही होटल संचालकों को होटल से निकलने वाली युवती के बारे में यह जानकारी रखनी थी कि रात को कौनसी युवती कौनसी कैब में बैठकर जा रही है। इसके लिए अलग से गार्ड तैनात कर रजिस्टर में कैब के नंबर नोट करने को कहा था। यही नहीं संबंधित थाना पुलिस की भी जिम्मेदारी तय की गई थी कि वह भी होटल,पब्स और डिस्को बार की गतिविधियों पर नजर रखे और आधी रात बाद इनमें होने वाली गतिविधियों पर रोक लगाए और आसपास गश्त करें। लेकिन एक भी नियम कायदे फॉलो नहीं हो सकें। अब शहर में बीती रात गुरुवार को युवती से हुई घटना ने फिर शहर में महिला सुरक्षा के लिए बनाए इन नियम कायदों की पोल खोल दी है और आज के तीन साल पहले बने नियमों कितनी सख्ती से पालना हो रही है इसकी भी बानगी पेश कर दी हैं। अब गुरुवार रात को भी युवती रात करीब सवा एक बजे निकली थी। लेकिन अगर नियम कायदे फॉलो होते तो रात 12 बजे ही होटल बंद हो जाता और कैब का रिकॉर्ड होटल के पास रहता। वहीं पुलिस भी होटलों के आसपास गश्त कर रही होती तो इस तरह की घटना से बचा जा सकता था।
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