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जयपुर

जिंदा आने की आस थी, लेकिन बुरी खबर आई

17 दिन से वतन की मिट्टी के इंतजार में भंवरसिह का शव

जयपुरFeb 16, 2020 / 05:04 pm

jagdish paraliya

 There was hope of coming alive, but bad news came

Bhanwarsih’s body waiting for the soil of the country for 17 days

इराकी सरकार का अमानवीय रवैया, अन्तरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन
बूंदी. 17 दिन हो गए, लेकिन मृत व्यक्ति के शव को अंतिम संस्कार के लिए इराक से भारत नहीं भेजा जा रहा। इराक में राजस्थान निवासी भारतीय नागरिक भंवरसिंह शेखावत की मौत हो चुकी है। मूलत: झुंझुनंू जिले के निवासी शेखावत का शव पिछले 17 दिनों से भारत वापसी के इंतजार में बगदाद चिकित्सालय में रखा बताया। इराक के ही नजफ शहर में फंसे बूंदी निवासी ८ जनों की रिहाई के दौरान बगदाद भारतीय दूतावास ने इसका खुलासा किया है। भंवर सिंह के परिजन विक्रम से बात करने पर पता चला कि 9 वर्ष पहले भंवर रोजगार के लिए इराक गया था। उसे भारत भेजने को इराक सरकार को १ हजार डॉलर की पेनल्टी भी जमा करवा दी थी। वह दो दिन में भारत आने वाला था, लेकिन इराक सरकार ने 2 दिन का नाम लेकर बीमार होने के बावजूद 10 दिन तक नहीं भेजा। आने से पहले ही इराक में उसकी मौत की खबर आई।
बूंदी के ८ जनों की रिहाई के लिए युवक कांग्रेस प्रदेश महासचिव चर्मेश शर्मा ने बगदाद भारतीय दूतावास में सम्पर्क किया था। दूतावास के मुताबिक शेखावत का शव इराक के कानूनी दांव-पेंच में फंसकर रह गया। इस मसले को लेकर बूंदी जिला कलक्टर ने भी प्रधानमंत्री के निजी सचिव को पत्र लिखा और शेखावत के शव को मानवीय आधार पर भारत लाने में मदद की बात कही। बगदाद भारतीय दूतावास के उच्चाधिकारियों ने बताया कि इराक सरकार ने मृत व्यक्ति पर मनमाने कानून लगा दिए।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री से लगाई गुहार
अन्तरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन कर एक मृत व्यक्ति को अंतिम संस्कार के वैधानिक अधिकार से वंचित करने के इस मामले में चर्मेश शर्मा ने भंवरसिंह की देह को तत्काल स्वदेश लाने कि भारत सरकार से मांग की। इस विषय में राष्ट्रपति भवन व भारत सरकार विदेश मंत्रालय में पोर्टल पर आधिकारिक शिकायत भी दर्ज करवाई। बूंदी जिला कलक्टर के माध्यम से भी आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय व विदेश मंत्रालय में पत्र भेजे गए। शर्मा ने कहा कि यह घोर अमानवीय बर्ताव होगा, भारत सरकार को उच्च स्तरीय प्रयास कर सिंह के शव को भारत लाना चाहिए।

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