इस तरह की ठगी-
साइबर अपराधियों ने बैंक के कम्प्यूटर नेटवर्क (सर्वर) को हैक करके अधिक राशि वाले खाताधारों की पहचान कर उनके खातों की निकासी राशि की क्षमता को बढ़ाया। उनके लिंक मोबाइल फोन नम्बरों के स्थान पर स्वयं के फोन नम्बर परिवर्तित किए जिससे मूल खाताधारकों को लेन-देन की जानकारी नहीं हो सके। आरोपियों ने बैंक के चार अधिक राशि वाले खातों से फर्जी कागजात के आधार पर खुलवाए कुल 28 बैंक खातों में करीब 86 लाख रुपए 2 घंटे में ही ट्रांसफर कर लिए। और 28 खातों से 86 लाख की राशि विभिन्न माध्यमों से दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिए। आठ दिन पहले इसी गैंग ने उंझा गुजरात के कोपरेटिव बैंक से हैकिंग के मार्फत करीब 50 लाख रुपए निकाल लिए थे। आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई। टीम ने बरेली उप्र, दिल्ली और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र और अन्य संभावित स्थानों पर रहने के बाद आरोपी कासमपुर स्लपर रोड नई मस्जिद के पास घूंसा सीबी गंज बरेली उ.प्र निवासी अय्यूब हसन खां उर्फ अयूब खा (20) को 30 नवंबर 2020 को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली थी। आरोपी अपने आधार कार्ड और पेन कार्ड में कांट छांट कर अपने पिता का नाम और पता परिवर्तित कर फर्जी दस्तावेज के आधार पर करीब 20 मोबाइल सिम जारी करवाई तथा 20 बैंक खाते खुलवाए थे।
साइबर अपराधियों ने बैंक के कम्प्यूटर नेटवर्क (सर्वर) को हैक करके अधिक राशि वाले खाताधारों की पहचान कर उनके खातों की निकासी राशि की क्षमता को बढ़ाया। उनके लिंक मोबाइल फोन नम्बरों के स्थान पर स्वयं के फोन नम्बर परिवर्तित किए जिससे मूल खाताधारकों को लेन-देन की जानकारी नहीं हो सके। आरोपियों ने बैंक के चार अधिक राशि वाले खातों से फर्जी कागजात के आधार पर खुलवाए कुल 28 बैंक खातों में करीब 86 लाख रुपए 2 घंटे में ही ट्रांसफर कर लिए। और 28 खातों से 86 लाख की राशि विभिन्न माध्यमों से दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिए। आठ दिन पहले इसी गैंग ने उंझा गुजरात के कोपरेटिव बैंक से हैकिंग के मार्फत करीब 50 लाख रुपए निकाल लिए थे। आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई। टीम ने बरेली उप्र, दिल्ली और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र और अन्य संभावित स्थानों पर रहने के बाद आरोपी कासमपुर स्लपर रोड नई मस्जिद के पास घूंसा सीबी गंज बरेली उ.प्र निवासी अय्यूब हसन खां उर्फ अयूब खा (20) को 30 नवंबर 2020 को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली थी। आरोपी अपने आधार कार्ड और पेन कार्ड में कांट छांट कर अपने पिता का नाम और पता परिवर्तित कर फर्जी दस्तावेज के आधार पर करीब 20 मोबाइल सिम जारी करवाई तथा 20 बैंक खाते खुलवाए थे।
इस तरह चलता था कमीशन-
अयूब से पूछताछ में सामने आया कि उस जैसे स्थानीय युवकों के इस प्रकार से कई सैकडों की संख्या में खाते है तथा आरोपी बरेली यूपी निवासी राशीद ने खुलवाए थे। इन खातों के खाता नम्बर दिल्ली, मुंबई स्थित नाइजीरियन व्यक्तियों को देता था। नाइजीरियन व्यक्तियों द्वारा विभिन्न प्रकार के बड़े साइबर अपराध कर इन खातों में पैसे डलवाते थे जिसे राशीद निकालकर नाइजीरियन व्यक्तियों को अपना कमीशन काटकर शेष राशि दी जाती थी। पांच साल में करीब एक हजार बैंक खाते उपल्बध करवाए। राशिद कई बार साईबर ठगी में जेल जा चुका हैं। आरोपी सांचौर जालौर निवासी मुकेश को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार दोनों आरोपियों से हैकिंग करने वाले नाइजीरियन व्यक्तियों के संबंध में पूछताछ कर रही हैं।
अयूब से पूछताछ में सामने आया कि उस जैसे स्थानीय युवकों के इस प्रकार से कई सैकडों की संख्या में खाते है तथा आरोपी बरेली यूपी निवासी राशीद ने खुलवाए थे। इन खातों के खाता नम्बर दिल्ली, मुंबई स्थित नाइजीरियन व्यक्तियों को देता था। नाइजीरियन व्यक्तियों द्वारा विभिन्न प्रकार के बड़े साइबर अपराध कर इन खातों में पैसे डलवाते थे जिसे राशीद निकालकर नाइजीरियन व्यक्तियों को अपना कमीशन काटकर शेष राशि दी जाती थी। पांच साल में करीब एक हजार बैंक खाते उपल्बध करवाए। राशिद कई बार साईबर ठगी में जेल जा चुका हैं। आरोपी सांचौर जालौर निवासी मुकेश को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार दोनों आरोपियों से हैकिंग करने वाले नाइजीरियन व्यक्तियों के संबंध में पूछताछ कर रही हैं।