पुलिस ने बताया कि आरोपी मनराज मीणा और दिलखुश मीणा मजदूरी व हलवाई का काम करते हैं। वह पूर्व में परिवादी डॉक्टर सुनीत सोनी के फार्म हाउस पर शेखर अग्रवाल के कहने पर जमीन पर तारबन्दी का कार्य किया था। शेखर अग्रवाल के कहने पर मुल्जिम बनवारी के प्लॉट नम्बर डी-135, वैशाली नगर में बने कमरे के अन्दर से सुरंग खोदकर परिवादी के मकान के तहखाने तक ले गया जहाँ सामने पानी का टैंक आने के कारण मिट्टी में दबने के डर से आगे काम करने से इन्कार कर दिया। इस प्रकार से आधी सुरंग उसके द्वारा खोदी गई तथा शेष सुरंग मोहम्मद नईमुद्दीन के द्वारा खोदी गई।
आरोपी
आरोपी मोहम्मद नईमुद्दीन जयपुर में रहकर कारपेन्टर का काम करता हैं। तथा मुल्जिम रामकरण जांगिड़ के पास पहले कारपेन्टर का काम करता था जिसके द्वारा पूर्व में मनराज, दिलखुश, शेखर अग्रवाल, जतिन जैन, केदार जाट, कालूराम सैनी व बनवारी जांगिड़ के द्वारा खोदी गई अधूरी सुरंग को खोदकर आगे बढ़ाते हुये लोहे के बॉक्स को काटकर चाँदी की सिल्लियां निकालकर शेखर अग्रवाल के सुपुर्द की गई तथा बदले में एक चांदी की सिल्ली स्वयं द्वारा ली गई जिसको दो दिन बाद शेखर अग्रवाल व बनवारी द्वारा 20 लाख 73 हजार रुपए दिए जाकर चांदी की सिल्ली वापस प्राप्त की गई। मोहम्मद नईमुद्दीन की निशादेही से उसके कब्जे से 18 लाख रूपए बरामद किए गए और 50 पहजार रूपए उसके बैंक खाते में जमा हैं।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी शेखर अग्रवाल और जतिन जैन अभी भी फरार चल रहे हैं। पुलिस उनकी सरगर्मी से तलाश कर रही हैं।