Tiger Conservation : बाघों की 60 फीसदी मौत में कारण पता नहीं
Tiger Conservation : राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने कहा है कि देश में पिछले आठ साल के दौरान बाघों की मौत के 60 प्रतिशत मामलों में शिकार इसकी वजह नहीं रहा है।
बाघों की 60 फीसदी मौत में कारण पता नहीं
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की रिपोर्ट जयपुर। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने कहा है कि देश में पिछले आठ साल के दौरान बाघों की मौत के 60 प्रतिशत मामलों में शिकार इसकी वजह नहीं रहा है।
प्राधिकरण ने उसके ही आंकड़ों के हवाले से मीडिया में आई एक खबर के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वर्ष 2012 से 2019 के बीच आठ साल में देश में 750 बाघों की मौत का आंकड़ा सही है, लेकिन इसमें 60 प्रतिशत मौतों के मामले में शिकार इसका कारण नहीं रहा है। एनटीसीए की वेबसाइट के अनुसार, गत आठ वर्ष में प्राकृतिक कारणों से 369 बाघों की मौत हुई है, जबकि 42 मामलों में दुर्घटना या शिकार से इतर कोई अन्य अप्राकृतिक कारण रहा है। यह योग कुल संख्या का करीब 60 प्रतिशत है। अन्य मामलों में 168 बाघों के शिकार के प्रमाण मिले हैं, जबकि 101 बाघों के अंग तस्करी के प्रयास के दौरान पकड़े गए हैं। शेष 70 मामलों में मौत के कारणों की जांच की जा रही है। अपने स्पष्टीकरण में प्राधिकरण ने बताया कि वर्ष 2006 से 2018 के बीच देश में बाघों की संख्या छह प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
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