इस मौके पर सूरज नारायण तीतानवाला ने कहा कि म्यूजियम की स्थापना एक सपने का पूरा होना है। यह म्यूजियम पारम्परिक बगरू ब्लॉक प्रिंटिंग की कला को संरक्षित करने की दिशा में एक प्रयास है। उन्होंने बताया कि हैंडब्लॉक प्रिंटिंग अत्यधिक श्रम युक्त कला है, जिसमें धैर्य, रचनात्मकता एवं गुणवत्ता महत्वपूर्ण होती है। प्राकृतिक संसाधनों एवं श्रमिकों की सीमित उपलब्धता जैसे कारणों की वजह से अनेक लोगों ने अपनी आजीविका के लिए ब्लॉक प्रिंटिंग की पारम्परिक प्रथा को छोड़ दिया है। ऐसे में इस तरह का संरक्षण बेहद जरूरी है।
कला और संस्कृति के संरक्षण की नींव है समुदाय- स्मृति ईरानी केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘अक्सर लोगों की यह अपेक्षा होती है कि कला और संस्कृति का संरक्षण सिर्फ सरकार की तरफ से होता है, लेकिन आज भी यदि हमारी कला और संस्कृति जीवत है तो उसका श्रेय समुदाय को जाता है।Ó उन्होंने कहा कि ये म्यूजियम ब्लॉक प्रिंट की परम्परागत कला को सदैव संरक्षित रखेगा। म्यूजियम आधुनिक भारत में परम्परागत कला की धरोहर को सहेजे हुए हैं। सांसद रामचरण बोहरा ने केंद्रीय मंत्री से बगरू में एसटीपी प्रोजक्ट स्थापित करने के लिए अनुरोध किया।