अधिकांश जगह अभी भी बागी चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस और भाजपा की ओर से अपने -अपने बागियों को लेकर की जा रही है मान मनुहार कही बेकार ही साबित न हो जाए। दोनों ही दलों के अधिकांश बारगी चुनाव मैदान से हटने को तैयार नहीं है।
हालांकि इसके लिए अभी दोपहर 3 बजे तक का इंतजार किया जा रहा है उसके बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी कि भाजपा और कांग्रेस से कितने बागी अभी भी चुनाव मैदान में हैं। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी कह चुके हैं कि बागियों को मनाने की कवायद लगातार जारी है।
राजनीतिक नियुक्तियों का प्रलोभन भी नहीं आया काम
वहीं बागियों को मनाने के लिए प्रदेश कांग्रेस की ओर से जिला संगठन में और जिला स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट करने की प्रलोभन लगातार दिया जा रहा था लेकिन उसके बावजूद भी बागी चुनाव मैदान से हटने को तैयार नहीं है। कांग्रेस विधायक, जिला प्रभारी और पर्यवेक्षक लगातार बागियों के संपर्क कर उनसे चुनाव मैदान से हटने की अपील करते नजर आ रहे थे।
बागियों पर कार्रवाई को लेकर असमंजस में कांग्रेस
दूसरी ओर सियासी गलियारों में चर्चा है कि नाम वापसी के समय तक अगर बागी चुनाव मैदान से नहीं हटते हैं तो पार्टी को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन प्रदेश कांग्रेस बागियों पर कार्रवाई को लेकर असमंजस की स्थिति में है। दरअसल पिछले तीन चुनावों नगर निगम, पंचायत जिला परिषद और 50 निकायों में हुए चुनावों में प्रदेश कांग्रेस ने चेतावनी तो जरूर जारी की थी लेकिन बागियों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी जिससे कई जगह कांग्रेस प्रत्याशियों को बड़ा नुकसान हुआ था। अब 90 निकायों में हो रहे चुनाव में भी प्रदेश कांग्रेस बागियों पर कार्रवाई करने से कतरा रही है।
कार्रवाई नहीं करने की एक वजह ये भी
विश्वस्त सूत्रों की माने तो प्रदेश कांग्रेस की बागियों पर कार्रवाई नहीं करने की एक वजह ये भी है कि चुनाव परिणाम के बाद अगर कांग्रेस को बहुमत नहीं मिल पाता है कि तो वे अपने बागियों और निर्दलीय प्रत्याशियों के जरिए बोर्ड बनाने का प्रयास करेगी। पिछले 50 निकायों में भी कांग्रेस कई स्थानों पर बागियों और निर्दलियों के जरिए बोर्ड बनाए थे।
इन 20 जिलों में चुनाव
जिन 20 जिलों की 90 निकायों में चुनाव हो रहे हैं उनमें अजमेर, बांसवाड़ा, बीकानेर, भीलवाड़ा, बूंदी, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, नागौर, पाली, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर है। यहां 1 नगर निगम, 9 नगर परिषद और 80 नगर पालिका के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है।