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जयपुर

सावधान, बच्चों के खाने में है जहर…

अमरीका में 61 ब्रांड्स के 168 तरह के बेबी फूड्स पाए गए जहरीली भारी धातुओं से संदूषित

जयपुरOct 20, 2019 / 11:19 am

Shalini Agarwal

अगर आप अपने नवजात को बेबी फूड यह सोच कर दे रहे हैं कि यह सुरक्षित है और उनके लिए पोषक तत्वों का खजाना है तो सावधान हो जाइए। अमरीका में बेबी फूड के लगभग हर ब्रांड में खतरनाक भारी धातुओं की मात्रा पाई गई है। ये भारी धातु बहुत कम मात्रा में भी बच्चों के दिमागी विकास को अवरुद्ध कर सकते हैं। अमरीका की हेल्दी बेबी ब्राइट फ्यूचर्स नाम की संस्था की ओर से हुए एक शोध में यह नतीजा सामने आया है। संस्था बच्चे के जन्म के बाद से पहले 1000 दिनों में खतरनाक रसायनों के बच्चों के संपर्क में आने को कम करने का प्रयास कर रही है। इस संस्था ने अपने शोध के लिए 61 ब्रांड्स के 168 तरह के बेबी फूड्स को टेस्ट किया और पाया कि उनमें कैडमियम, लेड, आर्सेनिक और मरक्यूरी जैसी जहरीली भारी धातुएं थीं। सबसे बड़ी बात थी कि 94 फीसदी बेबी फूड कंटेनर्स में लेड पाया गया, 73 फीसदी में आर्सेनिक मौजूद था, जबकि 75 फीसदी में कैडमियम, 32 फीसदी में मरक्यूरी और 26 फीसदी में ये चारों धातुएं पाई गईं। इसके साथ ही 25 तरह के खाने के कंटेनर्स अलग-अलग प्रयोगशालाओं में भेजे गए थे। प्रयोगशाला जांच में इनमें एक अन्य न्यूरोटॉक्सिन परक्लोरेट भी पाया गया। परक्लोरेट दिमागी विकास के लिए जरूरी थाइरॉइड फंक्शन को विचलित करता है। जिन महिलाओं को थाइरॉइड संबंधी समस्या होती है, उनके बच्चों में कम आईक्यू से भी इसका संबंध हैै।
रिपोर्ट के अनुसार इन भारी धातुओं के बहुत कम मात्रा भी दिमागी विकास को अवरुद्ध कर सकती है और बच्चे के आईक्यू को इधर-उधर कर सकती है। हर खाने और स्नैक के साथ यह मात्रा बढ़ती ही चली जाती है।
शोधकर्ताओं का यह भी कहना था कि किसी अशुद्धि का इनमें होना उतना चिंताजनक नहीं था क्योंकि मात्रा बहुत ही ज्यादा कम थी लेकिन यह फूड बच्चे को बार-बार दिया जाता है, इसलिए धीरे-धीरे करके भारी धातु उसके शरीर में जमा होती चली जाती है।
चावल आधारित प्रोडक्ट्स, फलों के रस और शकरकंद से बने खाद्य पदार्थों में भारी धातुओं की मात्रा सबसे ज्यादा पाई गई। शोध में पेरेंट्स से गुजारिश की गई है कि वे बच्चों को राइस फ्री बेबी स्नैक्स और इंफेंट सीरल्स दें। इसके अलावा फलों की रस की जगह बच्चों को नल का पानी पिलाएं। फलों के रस में आर्सेनिक की मात्रा उतनी नहीं थी, जितनी खाने की दूसरी चीजों में थी लेकिन बच्चे जूस अक्सर पीते हैं, इसलिए यह भारी धातुओं का टॉप सोर्स बन गया। इसी तरह से शोधकर्ताओं का कहना है कि गाजर या शकरकंद आधारित बेबी फूड्स की बजाय दूसरे फलों और सब्जियों पर आधारित बेबी फूड्स खरीदना बेहतर है। शोध में बेबी फूड्स बना रही कंपनियों से भी अपील की है कि वे चावल वहां से खरीदें, जहां मिट्टी में आर्सेनिक कम मात्रा में है।
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