अंधविश्वास से मिल रहा बढ़ावा
वन विभाग के मुताबिक अंधविश्वास के नाम पर वन्यजीवों की अंगों की तस्करी बढ़ रही है। गत महीनों में विभाग ने त्रिपोलिया, चांदपोल, मानसरोवर, जमवारामगढ़, बड़ी चौपड़, रामगंज बाजार समेत कई क्षेत्रों में कार्रवाई की। जहां इनकी बिक्री पूजा-पाठ सामग्री की दुकान, ज्योतिष केंद्रों पर होती पाई गई है।
इन अंगों की तस्करी
पाटागोह का अंग, उल्लू के नाखून, हाथी दांत, शेर के बाल,नाखून व दांत, सियार की सिर की हड्डी, कछुआ, दोमुंही, समुद्री जीवों के अंग आदि।
बढ़ रहा ग्राफ
वाइल्ड लाइफ ब्यूरो मुताबिक देशभर से डेढ़ दर्जन तस्करी के बड़े मामले सामने आ रहे है। जिसमें कुछ नकली आइटम भी होते है। अमूमन छह-सात कार्रवाई होती है।
सामने आए केस-
नवंबर: मोतीडूंगरी में पूजा सामग्री दुकान से पूर्व पार्षद सहित तीन लोग पकड़े। वेबसाइट के जरिए ऐसा करते पकड़े गए।
दिसंबर: बासबदनपुरा में नेवले के बालों से बने बु्रश के साथ 3 लोग दबोचे गए।
अप्रेल: मानसरोवर में एक दोमुंही का सौदा तय करने आए एक महिला सहित छह लोगों को पकड़ा। एक गाड़ी भी जब्त की। त्रिपोलिया बाजार में एक दुकानदार व एक ज्योतिष को वन्यजीवों के अंगो के साथ गिरफ्तार किया।
आमेर रेंज में एक नील गाय का शिकार किया।