वहीं मतदान से पूर्व सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों को मतदान के लिए पूरी तरह से तैयार करने के लिए ट्रेनिंग कैंप का आयोजन करने जा रही है, जिसमें विधायकों को राज्यसभा चुनाव में मतदान करने संबंधी जानकारी दी जाएगी।
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो कांग्रेस विधायकों का ट्रेनिंग 18 जून को आयोजित किया जाएगा, हालांकि ये ट्रेनिंग कैंप कहां पर आयोजित होगा,ये अभी तय नहीं हुआ है। इस ट्रेनिंग कैंप के दौरान दिल्ली से भी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और सह प्रभारी विवेक बंसल भी इस ट्रेनिंग कैंप में शामिल होंगे।
30 से ज्यादा नए विधायक हैं कांग्रेस में
विधानसभा में इस बार 30 से ज्यादा विधायक ऐसे हैं जो पहली बार चुनकर आए हैं। इसके अलावा कांग्रेस को समर्थन दे रहे कई निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए अधिकांश विधायक भी पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं ऐसे में उनके लिए राज्यसभा चुनाव एक नया अनुभव है। मतदान के दौरान किसी प्रकार की गलती न हो, इसके लिए मतदान का प्रशिक्षण देकर पार्टी पूरी तैयारी के साथ अपने विधायकों को राज्यसभा चुनाव के मतदान के लिए भेजेगी।
लखावत की दावेदारी से मतदान की नौबत
प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों का कार्यकाल 10 अप्रेल को ही समाप्त हो गया था। हालांकि इससे पहले राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। संख्या बल के लिहाज से दो सीटें कांग्रेस और एक सीट बीजेपी के खाते में जाती, लेकिन भाजपा ने ओंकार सिंह लखावत को चुनाव मैदान में उतार मतदान की नौबत ला दी।
हालांकि 26 मार्च को होने वाले मतदान को कोरोना संकट के चलते स्थगित कर दिया गया था। कांग्रेस ने दो सीटों पर पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को उम्मीदवार बनाया था तो वहीं भाजपा ने एक सीट पर राजेंद्र गहलोत के साथ ही ओंकार सिंह लखावत को भी उम्मीदवार बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया।
ये रहेगा मतदान का गणित
200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस 107 विधायक हैं। इसके अलावा 13 निर्दलीय , बीटीपी-2, आरएलडी-1, सीपीएम -2 है। इस तरह विधानसभा में कांग्रेस को 125 विधायकों का समर्थन प्राप्त हैं जबकि भाजपा के 72 और नागौर सांसद हुनमान बेनीवाल की रालोपा के दो विधायक हैं।