तो बच सकती थी लाखों लोगों की जान खाचरियावास ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार यदि अन्य देशों की तरह पूरे देश में हर उम्र के लोगों को वैक्सीन लगा देती तो आज लाखों लोगों को मौत का सामना नहीं करना पड़ता। लाखों परिवारों की आंखों में आंसू हैं। लोगों के पास परिजनों की अंत्येष्टि तक के लिए भी पैसे नहीं है, गंगा के किनारे हजारों लोग परिजनों के शव दफनाकर जा रहे हैं लेकिन उनका दर्द बांटने वाला कोई नहीं है।
75 साल तक तो मुफ्त लगे थे टीके उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अब तक केंद्र सरकार लोगों के मुफ्त में टीके लगाती आई है। लेकिन 75 सालों में पहली बार केंद्र सरकार टीके के ऐवज में पैसे मांग रही है। वैक्सीन बनाने में भी केंद्र सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है। सिर्फ दो कंपनियों को वैक्सीन बनाने का काम दिया गया। यही वैक्सीन बनाने का काम दुनिया की सभी कंपनियों को खुले मार्केट में दे दिया जाता और भारत की 6 करोड़ 93 लाख वैक्सीन विदेशों में नहीं भेजी जाती तो आज शवों के ढेर नहीं लगते।
हमने तो कीमत चुका दी, अब तो टीके मिले राजस्थान सरकार ने वैक्सीनेशन के पैसे जमा करा दिए और पैसे लेकर तैयार बैठे हैं लेकिन वैक्सीन तो केंद्र उपलब्ध करवाएं। केंद्र सरकार वैक्सीन उपलब्ध नहीं करा रही है इससे 18 से 44 वर्ष के लोगों को टीका लगवाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। खाचरियावास ने कहा कि वैक्सीन और ऑक्सीजन की कमी के कारण जो नुकसान हो रहा है उसके लिए केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है। मैं मोदी जी से अनुरोध करूंगा अपनी आंखों का पर्दा हटाएं शवों के ढेर को देखें और राजधर्म का पालन करें।