टीबी (Tuberculosis ) के मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अब निजी क्लीनिक और अस्पतालों ( Private Clinic, Hospital ) में टीबी का इलाज ले रहे मरीज को नि:शुल्क दवा ( Free Medicine ) मिलेगी। चिकित्सा विभाग की इस पहल से निजी उपचार ले रहे मरीजों को उच्च गुणवत्ता की दवाइयां मिलेंगी।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उपलब्ध नि:शुल्क एंटी टीबी ड्रग को निजी अस्पताल और क्लीनिक पर उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया है। भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार कोई मरीज निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहा है और वह सरकारी दवा लेना चाहता है, तो उसे निजी अस्पताल दवा उपलब्ध करवाएगा। अब तक निजी अस्पताल इसमें रूचि नहीं ले रहे थे।
निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में चिकित्सकों को पब्लिक प्राइवेट कॉर्डिनेटर जाकर टीबी की सरकारी दवा देने के लिए मोटिवेट कर रहे हैं। नतीजा यह रहा कि प्रदेश में 16 निजी अस्पतालों ने टीबी की सरकारी दवा रखना शुरू कर दिया है। विभाग का मानना है कि धीरे-धीरे अस्पतालों और मरीजों की संख्या में इजाफा होगा।
पोर्टल पर डालनी होगी जानकारी जो चिकित्सक अपने क्लीनिक और अस्पतालों में टीबी की सरकारी दवा लिखना चाहते हैं उन्हें पहले नि:क्षय पोर्टल पर एनरोल करना पड़ेगा। जब भी उनके यहां टीबी का मरीज आएगा तो पोर्टल पर उसकी सारी जानकारी डालनी होगी।
”टीबी के मरीजों को निजी अस्पतालों में भी सरकारी दवा उपलब्ध होगी। हाल में यह व्यवस्था शुरू की है। इसके लिए वॉलेंटियर लगाकर चिकित्सकों को मोटिवेट किया जा रहा है।”
रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा विभाग
रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा विभाग
”निजी अस्पताल और क्लीनिक से अब रेस्पोंस मिलने लगा है। उम्मीद है सभी निजी अस्पताल टीबी का सरकारी इलाज देना शुरू कर देंगे।”
डॉ. विनोद गर्ग, राज्य स्टेट क्षय रोग अधिकारी
डॉ. विनोद गर्ग, राज्य स्टेट क्षय रोग अधिकारी