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रायगढ़

एनटीपीसी जमीन घोटाले में उद्योग विभाग भी संलिप्त, रिपोर्ट में खुलासा

लारा एनटीपीसी प्रोजेक्ट में जमीन गड़बड़ी के मामले में उद्योग विभाग भी
संलिप्त की बात सामने आ रही है। उद्योग विभाग के तात्कालीन अधिकारियों को
इस बात की जानकारी थी कि कब कितने खाते यहां बढ़े हैं।

रायगढ़Apr 17, 2016 / 12:51 pm

Piyushkant Chaturvedi

 land scam, report reveals

NTPC industry department involved in land scam, report reveals

रायगढ़. लारा एनटीपीसी प्रोजेक्ट में जमीन गड़बड़ी के मामले में उद्योग विभाग भी संलिप्त की बात सामने आ रही है। उद्योग विभाग के तात्कालीन अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी कि कब कितने खाते यहां बढ़े हैं। उसके बावजूद उनकी ओर से किसी प्रकार की आपत् ि दर्ज नहीं कराई गई। इस बात का खुलासा राज्य स्तरीय जांच रिपोर्ट में हुआ है।

एनटीपीसी जमीन घोटाले मामले में राज्य स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट काफी चांैकाने वाली है। रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि उद्योग विभाग को भू-अर्जन से प्रभावित रकबे, स्थल एवं खातेदारों की प्रारंभिक जानकारी, इस प्रक्रिया के शुरू होने के पूर्व से थी। इसके बाद भी मुआवजा पत्रक में दस्तखत कर फर्जी खातेदारों को मुआवजा बांटने की अनुमति के लिए सहमति प्रदान की गई। विभागीय अधिकारियों ने इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को नहीं दी। वहंी इस पर कोई संज्ञान लेकर आपत्ति भी दर्ज नहीं कराई।

कंपनियों के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया उद्योग विभाग के माध्यम से किया जाता है। लारा परियोजना में भी भू-अर्जन की प्रक्रिया उद्योग विभाग की मदद से की गई। तात्कालीन सीजेएम केएन फुलझले के कार्यकाल में इसकी प्रक्रिया शुरू हुई है। भू-अर्जन के पहले राजस्व और उद्योग विभाग, दोनों ने ही प्रभावित क्षेत्र का सर्वे कर पटवारी व अन्य संबंधित विभाग से जानकारी ली थी। इसमें कंपनी के चयनित क्षेत्र की जनसंख्या, प्रभावित खातेदार व अन्य जानकारी का रिकार्ड उद्योग विभाग के पास था।

भू-अर्जन की प्रक्रिया के दौरान खाता बढ़ता गया और राजस्व विभाग द्वारा तैयार किए गए मुआवजा पत्रक में बढ़ते खाते की जानकारी थी। इसके बाद भी उद्योग विभाग के अधिकारियों ने इसमें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं कराई। इसके कारण फर्जी खातेदारों की संख्या में इजाफा होते गया। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अधिकारी सैद्वांतिक सहमति के लिए 15 सितंबर 2011 के पूर्व का परियेाजना हेतु चिन्हित ग्रामों का स्थल निरीक्षण किया था। जो 2 मई 2011 को निरीक्षण के दौरान भी उपस्थित थे। इसके बाद ऐसे खेल होते रहे।
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