जयपुर

72 साल की बुजुर्ग, कोर्ट में आते ही हो जाती है युवा, छुड़ा देती है अच्छे-अच्छों के छक्के

अधिक आयु के मिथक को तोड़ती 72 वर्षीय माया चावत, 44वीं मास्टर्स नेशनल बैडमिंटन प्रतियोगिता में मिश्रित में रही उपविजेता

जयपुरFeb 27, 2020 / 05:23 pm

pushpendra shekhawat

जयपुर। हर महिला के जीवन में उम्र का एक दौर ऐसा भी आता है, जब वह अपने रोजमर्रा के काम के लिए किसी पर निर्भर सी होने लगती है। वहीं इस मिथक को तोडऩे में कामयाब हुई हैं 72 वर्षीय माया चावत। माया इस आयु में भी बैडमिन्टन जैसा दमखम वाला खेल उतनी ही फुर्ती से खेल रही है, जैसे कोई युवा। उदयपुर की रहने वाली माया ने जयपुर के एसएमएस स्टेडियम के इंडोर हॉल में चल रहीं 44वीं मास्टर्स नेशनल बैडमिंटन प्रतियोगिता के मिश्रित युगल स्पर्धा के 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में फाइनल में उपजविजेता रही। माया यहां एकल, युगल और मिश्रित में तीनों में भाग ले रही है।
माया ने बताया कि साठ साल की उम्र के बाद खेलना बन्द कर दिया था। अब जब यह प्रतियोगिता शुरू हुई तो एक बार फिर कोर्ट में उतरने की इच्छा जगी। जिसके चलते वह उदयपुर से यहां आई। माया ने उदयपुर में एक एकेडमी भी खोल रखी है। जिसमें वह युवा बैडमिन्टन खिलाड़ियों को प्रशिक्षण भी देती हैं। उनके अनुसार वे अब तक 100 से अधिक खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे चुकी है। उनके द्वारा प्रशिक्षित विक्रम पंवार नेशनल में उपविजेता रहे हैं।
पूरा घर खेल को समर्पित
माया ने बताया कि उनके पति बीएस चावत टेबल टेनिस के अंतरराष्ट्रीय कोच हैं। उनके तीन बेटों में से दो बैडमिन्टन और एक क्रिकेट खेलते हैं। उनके पुत्र आकाश प्लस 50 में बैडमिन्टन खेलते हैं वहीं चांद 45 प्लस खेलते हैं। माया के तीसरे पुत्र पवन की क्रिकेट में रूचि है।
अचीवमेंट
— जम्मू कश्मीर की स्टेट चैम्पियन रही।
— नेशनल में जम्मू का प्रतिनिधित्व किया।
— भारतीय खेल प्राधिकरण साई से कोच का डिप्लोमा किया। संभवत: उस समय की पहली महिला कोच रही।
— गोआ, गुजरात और राजस्थान में साई की कोच के पद पर रही।
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