माया ने बताया कि साठ साल की उम्र के बाद खेलना बन्द कर दिया था। अब जब यह प्रतियोगिता शुरू हुई तो एक बार फिर कोर्ट में उतरने की इच्छा जगी। जिसके चलते वह उदयपुर से यहां आई। माया ने उदयपुर में एक एकेडमी भी खोल रखी है। जिसमें वह युवा बैडमिन्टन खिलाड़ियों को प्रशिक्षण भी देती हैं। उनके अनुसार वे अब तक 100 से अधिक खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे चुकी है। उनके द्वारा प्रशिक्षित विक्रम पंवार नेशनल में उपविजेता रहे हैं।
पूरा घर खेल को समर्पित
माया ने बताया कि उनके पति बीएस चावत टेबल टेनिस के अंतरराष्ट्रीय कोच हैं। उनके तीन बेटों में से दो बैडमिन्टन और एक क्रिकेट खेलते हैं। उनके पुत्र आकाश प्लस 50 में बैडमिन्टन खेलते हैं वहीं चांद 45 प्लस खेलते हैं। माया के तीसरे पुत्र पवन की क्रिकेट में रूचि है।
माया ने बताया कि उनके पति बीएस चावत टेबल टेनिस के अंतरराष्ट्रीय कोच हैं। उनके तीन बेटों में से दो बैडमिन्टन और एक क्रिकेट खेलते हैं। उनके पुत्र आकाश प्लस 50 में बैडमिन्टन खेलते हैं वहीं चांद 45 प्लस खेलते हैं। माया के तीसरे पुत्र पवन की क्रिकेट में रूचि है।
अचीवमेंट
— जम्मू कश्मीर की स्टेट चैम्पियन रही।
— नेशनल में जम्मू का प्रतिनिधित्व किया।
— भारतीय खेल प्राधिकरण साई से कोच का डिप्लोमा किया। संभवत: उस समय की पहली महिला कोच रही।
— गोआ, गुजरात और राजस्थान में साई की कोच के पद पर रही।
— जम्मू कश्मीर की स्टेट चैम्पियन रही।
— नेशनल में जम्मू का प्रतिनिधित्व किया।
— भारतीय खेल प्राधिकरण साई से कोच का डिप्लोमा किया। संभवत: उस समय की पहली महिला कोच रही।
— गोआ, गुजरात और राजस्थान में साई की कोच के पद पर रही।