scriptअनलाॅक हुआ जयपुर…. लेकिन मैट्रो और लो फ्लोर ने अभी नहीं पकड़ी रफ्तार | Unlock Rajasthan after lockdown | Patrika News

अनलाॅक हुआ जयपुर…. लेकिन मैट्रो और लो फ्लोर ने अभी नहीं पकड़ी रफ्तार

locationजयपुरPublished: Jun 20, 2021 11:40:17 am

Submitted by:

JAYANT SHARMA

लेकिन शुुरुआत के दो दिनों में फुटफाॅल आम दिनों की तुलना में सिर्फ पांच प्रतिशत से बारह प्रतिशत के बीच ही रहा। हांलाकि प्रबंधन को उम्मीद है कि जल्द ही दोनो साधन भी पहले की तरह सामान्य होंगे।

jaipur metro

jaipur metro

जयपुर
कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश मंे लंबे लाॅकडाउन के बाद एक बार फिर से अनलाॅक की प्रकिया शुरु कर दी गई है। बाजार चार बजे तक खुले हैं और अब सिर्फ रविवार को ही लाॅकडाउन रखा गया है। यातायात के तमाम साधन जरुरी नियमों के साथ खोल दिए गए हैं। निजी बसों और रोडवेज बसों को रफ्तार मिल गई है लेकिन उसके बाद भी लो फ्लोर बसों और जयपुर मैट्रो की रफ्तार अभी बेहद धीमी है। गुरुवार से इन्हें भी अनलाॅक कर दिया गया लेकिन शुुरुआत के दो दिनों में फुटफाॅल आम दिनों की तुलना में सिर्फ पांच प्रतिशत से बारह प्रतिशत के बीच ही रहा। हांलाकि प्रबंधन को उम्मीद है कि जल्द ही दोनो साधन भी पहले की तरह सामान्य होंगे।
17000 रोज आते थेए साढ़े तीन हजार मुश्किल से आए
जयपुर मैट्रों की बात की जान तो मैट्रो गुरुवार से अनलाॅक कर दी गई। सभी रुट फिर से शुरु कर दिए गए। मैट्रो ने पहले ही दिन 100 से ज्यादा ट्रिप भी लिए लेकिन यात्री भार बेहद कम रहा। गुरुवार को यह सिर्फ 3620 था। अधिकतर सीटें खाली रह गई। शुक्रवार को भी यही हाल रहा। शुक्रवार को भी कम ही लोगों ने मैट्रो से यात्रा को तवज्जो दी। मैट्रो के अफसरों ने बताया कि गुरुवार को करीब 55 हजार रुपए किराए से मिले। यात्री भार कम रहा। जबकि आम दिनों में 17 हजार से बीस हजार तक यात्री भार रहता है। हांलाकि मैट्रो ने कोई भी रुट मिस नहीं किया। लाॅकडाउन के नियमों के चलते सोमवार से शनिवार तक मैट्रो सवेरे सवा छह बजे से शाम चार बजे तक जारी रहेगी। कोशिश हर दस मिनट में मैट्रो उपलब्ध कराने की है।
जेसीटीएसएल की बसों ने भी नहीं पकड़ी रफ्तार
जेसीटीएसएल बसों में भी हालात बेहद खराब रहे। पहले दिन यानि गुरुवार को सिर्फ चार हजार यात्रियों ने यात्रा की। हांलाकि शुक्रवार को यह संख्या कुछ सैंकडा बढ़ भी गई लेकिन आम दिनों की बात की जाए तो मैट्रों मंे हर दिन अस्सी हजार से एक लाख यात्री सफर करते हैं। गुरुवार को तीन मुख्य डिपो ण् टोडीए विद्याधर नगर और सांगानेर से किराए से लगभग 2 लाख रुपये उत्पन्न हुए। आमतौर पर राजस्व प्रति दिन 18 लाख रुपये तक जाता है। प्रबंधन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि लाॅकडाउन खुलने के बाद बसें शुरु हुई हैं। लगभग सभी बसें दौड़ रही हैं। लेकिन अस्सी प्रतिशत से ज्यादा सीटें शुरुआत के दो दिन में खाली रह गई। हांलाकि बसों ने सभी रुट फाॅलो किए। अच्छी बात यह रही कि पहली बार कोई भ्ज्ञी यात्री खड़ा होकर सफर नहीं कर सका क्योंकि सीटें ही बहुत खाली थीं। अब उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सामान्य हो जाएगा और जल्द ही यात्री भार पहले की तुलना में सुचारु हो जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो