scriptVIDEO : यूपीएससी टॉपर कनिष्क कटारिया की सफलता के राज, जानें उन्हीं की जुबानी | UPSC 2019 : IAS Topper Kanishka kataria Success story | Patrika News

VIDEO : यूपीएससी टॉपर कनिष्क कटारिया की सफलता के राज, जानें उन्हीं की जुबानी

locationजयपुरPublished: Apr 06, 2019 09:50:49 pm

Submitted by:

anandi lal

यूपीएससी टॉपर कनिष्क कटारिया की सफलता के राज, जानें उन्हीं की जुबानी

 IAS Topper

IAS Topper

जयपुर। देश सेवा के जज्बे के चलते दक्षिण कोरिया से नौकरी छोड़कर भारत आए कनिष्क के घर में अब खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। UPSC ने जब आईएएस-2018 का रिजल्ट जारी किया तो कनिष्क परिवार संग खुशी से झूम उठे। IAS Exam में पहली रैंक पाकर कनिष्क ने प्रदेश ही नहीं देश का नाम रोशन किया है। पत्रिका से खास बातचीत में कनिष्क ने बताया कि ताउम्र अब देशवासियों की सेवा करुंगा। यही पहली इच्छा थी जो अब पूरी हो गई।
यूपीएससी टॉपर कनिष्क कटारिया से पत्रिका की खास बातचीत….

प्रश्न – रिजल्ट देखा तो सबसे पहले दिमाग में क्या आया?
उ. – सात बजे रिजल्ट आना था। लिंक पर क्लिक कर पीडीएफ डाउनलोड किया। अपना नाम देखने लगा। सबसे ऊपर मेरा नाम था। विश्वास नहीं हुआ। उसे बंद किया, फिर दुबारा खोला। मेरा ही नाम था। सिस्टर को दिखाया और दोनों खुशी से जोर से चिल्लाए।

प्र. यूपीएससी में पास होने के लिए कितना पढऩा जरुरी है?
उ. यूपीएससी के एक प्रयास के लिए भी कम से कम एक-डेढ साल तक पढऩा जरुरी है। रोजाना-10-15 घंटे पढ़ें। लेकिन, सिर्फ पढ़ाई न करें। अपने शौक को भी जरुर फॉलो करें। तभी दिमाग रिलेक्स रह पाएगा।

– आपने अपनी सफलता का श्रेय अपनी गर्लफ्रेंड को भी दिया है।
– हां, हम आईआईटी में साथ-साथ पढ़ते थे। बाद में मैं कोरिया में जॉब करने चला गया और वह जापान। वह अभी भी जापान में ही है। उन्होंने मुझे हर कदम पर सपोर्ट किया। मैनें कोरिया से जॉब छोड़कर जब सिविल सर्विसेज की तैयारी का निर्णय लिया तो उन्होंने भी मुझ पर विश्वास जताया और कहा, मैं एक बार में यूपीएससी की परीक्षा क्लियर कर सकता हूं। जब भी कभी नकारात्मक फीलिंग आती तो वह कहती, तुम कर सकते हो। इन सकारात्मक विचारों के कारण ही आज इस मुकाम पर हूं।

प्रश्न – यूपीएससी का इंटरव्यू सबसे कठिन माना जाता है। आपसे इंटरव्यू में किस तरह के सवाल पूछे गए थे।
उ. – इंटरव्यू में मुझ से मेरे नाम को लेकर सवाल पूछा गया। मेरा नाम कनिष्क है और इसी नाम का एक विमान भी वर्ष 1985 में क्रेश हुआ था। इस सवाल के बाद इंटरव्यू में पुलवामा अटैक और आंतकवाद पर प्रश्न अधिक पूछे गए। इंटरव्यू का जो पहला फेज था, वह मेरी जॉब प्रोफाइल पर आधारित था। बोर्ड ने कभी भी प्रेशर बनाने की कोशिश नहीं की। बल्कि सपोर्टिव तरीके से प्रश्न पूछ हर मुद्दे पर मेरी राय जानी गई।

क्या पढ़ाई के बीच शौक को भूला दिया।
जवाब— बिल्कुल नहीं, मेरा फलसफा यही रहा है कि जो भी करो लेकिन अपने शौक को जिंदा रखो। मैंने पढ़ाई के दौरान ही फुटबाल से लेकर क्रिकेट मैच तक देखें। फुटबाल मेरा पंसदीदा खेल रहा, जिसे देखने के लिए मैं आधी रात तक जगता रहा। सभी युवाओं से यही कहना चाहूंगा कि जब भी पढाई करो डेडिकेट होकर करें और जब खेलें व शौक पूरा करें तो भी उसमें समा जाएं। किसी भी चीज को हावी नहीं होने दें, नहीं तो कुछ भी हासिल नहीं होगा।

सवाल: आईएएस टॉपर बने है, क्या यह उम्मीद थी कि टॉप आएंगे?
जवाब: यह मेरा पहला प्रयास था। पेपर और इंटरव्यू अच्छा हुआ था। इसलिए यह तो उम्मीद थी कि परिणाम अच्छा आएगा। लेकिन इस बात की थोड़ी भी उम्मीद नहीं थी कि मैं परीक्षा टॉप करूंगा। सिविल सेवा के लिए ऑप्शनल पेपर मैथ्स था।

सवाल: परीक्षा की तैयारी किस तरह से की?
जवाब: कोचिंग की मदद से मैंने इस परीक्षा से जुड़ी सामान्य जानकारी हासिल की। उसके बाद पिछले साल मार्च से लेकर परीक्षा तक घर पर ही सेल्फ स्टडी की। सफलता के लिए मेंस परीक्षा के पहले 8 से 10 घंटे और परीक्षा के नजदीक आने पर 15 घंटे तक की पढ़ाई की थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो