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जयपुर

Utpana Ekadashi 2020 Pujan Vidhi Shubh Muhurat विष्णुजी को बहुत प्रिय हैं ये फूल, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

आज मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की उदया तिथि एकादशी सुबह 10 बजकर 5 मिनट तक रहेगी उसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी। सनातन धर्म में मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी का बहुत महत्व माना गया है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित किया गया है। पंचांग भेद के कारण इस वर्ष दो दिन उत्पन्ना एकादशी मनाई जा रही है। 10 दिसंबर को भी एकादशी व्रत रखा गया था और उदया तिथि होने के कारण आज भी उत्पन्ना एकादशी व्रत रखकर पूजा की जा रही है।

जयपुरDec 11, 2020 / 08:12 am

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Utpana Ekadashi Vrat Puja Vidhi Auspicious Time Vishnu Puja Vidhi

Utpana Ekadashi Vrat Puja Vidhi Auspicious Time Vishnu Puja Vidhi

जयपुर– आज मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की उदया तिथि एकादशी सुबह 10 बजकर 5 मिनट तक रहेगी उसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी। सनातन धर्म में मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी का बहुत महत्व माना गया है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित किया गया है। पंचांग भेद के कारण इस वर्ष दो दिन उत्पन्ना एकादशी मनाई जा रही है। 10 दिसंबर को भी एकादशी व्रत रखा गया था और उदया तिथि होने के कारण आज भी उत्पन्ना एकादशी व्रत रखकर पूजा की जा रही है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि संभव हो तो उत्पन्ना एकादशी व्रत निराहार या निर्जला व्रत करें। सुबह स्नान करके विष्णुजी का ध्यान करते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लेना चाहिए। भगवान विष्णु की विधिविधान से पूजा करनी चाहिए। घी का दीप जलाकर आरती करना चाहिए एवं भगवान विष्णु को मिष्ठान्नों का भोग लगाना चाहिए। दिनभर सात्विक आचार-विचार रखते हुए पूजा-पाठ करना चाहिए। रात में दीपदान कर भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए। दूसरे दिन सुबह व्रत का पारण करना चाहिए।
उत्पन्ना एकादशी का व्रत करनेवालों को हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन धर्म-कर्म के साथ ही दान का भी बहुत महत्व है. इसलिए जरूरतमंदों को दान जरूर करें. एकादशी का व्रत करनेवालों को व्रत कथा सुनने या सुनाने का विधान भी है। उत्पन्ना एकादशी पर विष्णुजी को फलों का भोग लगाने की बात कही गई है. इस पूजा में भगवान को अधिकाधिक मौसमी फलों का भोग लगाकर गरीबों को प्रसाद के रूप में वितरित कर दें। संभव हो तो इस दिन घर में चावल नहीं पकाएं. विष्णुजी को पीले फूल प्रिय हैं, इसलिए उन्हें पीले रंग के पुष्प या हार अर्पित करना चाहिऐं।
उत्पन्ना एकादशी पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त.
11 दिसंबर 2020 प्रातः पूजन का शुभ मुहूर्त 8.15 बजे से शुरू होकर 10.05 बजे तक
11 दिसंबर 2020 सायंकाल पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.43 मिनट से 7.03 मिनट तक ।
12 दिसंबर 2020 को पारण का शुभ समय सुबह 6.58 बजे से शुरू होकर सुबह 7.02 बजे तक ।

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