उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ( Lakhimpur Kheri ) में भड़की हिंसा को लेकर राजस्थान के किसान संगठनों में भी आक्रोश देखा जा रहा है। यूपी की घटना के विरोध में प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में आज किसान संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। राजधानी जयपुर में जिला कलक्ट्रेट पर किसान नेता अजीत कस्वां की अगुवाई में दोपहर 12 बजे विरोध प्रदर्शन होगा। इस दौरान किसान जिला कलक्टर को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे।
हिम्मत सिंह, रणजीत लखीमपुर रवाना
प्रदेश के दो किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर और रणजीत सिंह राजू उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के लिए रवाना हो गए। ये दोनों नेता वहां संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हो रहे विरोध-प्रदर्शन में शामिल होंगे।
‘बॉर्डर’ पर भी प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील ने राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर कमान संभाली हुई है। यहां पर भी किसान एकजुट होकर लखीमपुर-खीरी में हुई घटना को लेकर केंद्र सरकार का विरोध जता रहे हैं। गौरतलब है कि शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर राजस्थान के किसान पिछले 10 महीने से भी ज़्यादा समय से किसान आंदोलन के तहत पड़ाव डाले बैठे हैं।
इधर, किसान नेता राजाराम मील ने लखीमपुर-खीरी में हुई घटना की निंदा की। उन्होंने मंत्री पुत्र द्वारा किसानों पर गाडी चढाने की घटना में करीब 4 किसानों के मारे जाने को बर्बरतापूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि ये घटना सरकार की हठधर्मिता का ही नतीजा है। राजस्थान के किसान संगठन अब संयुक्त किसान मोर्चा के दिशा-निर्देशों पर आगे की रणनीति पर काम करेंगे।
गहलोत ने साधा योगी सरकार पर निशाना
एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी और अन्य नेताओं को यूपी पुलिस के द्वारा हिरासत में लेने की कार्रवाई की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कड़ी निंदा की है। गहलोत ने आज ट्वीट करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। वे प्रमुख विपक्षी नेता हैं और लखीमपुर खीरी जिले में कल जो किसान मारे गये उनके परिवारों से मिलने जा रही थीं। विपक्षी नेताओं को गैरकानूनी तरीके से रोका जाना लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ है।
गहलोत ने कहा कि पहले शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर भाजपा नेताओं के काफिले की गाड़ियां चढ़ाकर उनको बर्बरता से मार दिया गया, फिर विपक्षी नेताओं को वहां जाने से रोका जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार का अमानवीय चेहरा पूरी तरह सामने आ चुका है। किसानों की मांगों को अनसुनी करना, किसान आंदोलन को तोड़ना, उन पर अत्याचार करना और फिर किसी विपक्षी दल को उनके साथ न खड़े होने देना, यह सत्ताधारी दल का लोकतंत्र विरोधी रूप है जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है।
गहलोत ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री तथा पंजाब के उप मुख्यमंत्री को राज्य में आने से रोके जाने की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसा केवल एक तानाशाह सरकार ही कर सकती है। क्या यूपी में सत्तारूढ़ भाजपा लोकतंत्र को खत्म कर देना चाहती है? इस तरह नागरिक अधिकारों का हनन संविधान की भावना के भी विपरीत है।