सिर्फ बचाव ही विकल्प
मेडिकल विभाग में अभी भी कुछ रोगों से बचाव के लिए टीका उपलब्ध नहीं है। ऐसे में साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए बचाव ही अपनाया जा सकता है। इनमें मलेरिया और चिकनगुनिया रोग प्रमुख रूप से शामिल है।
कमजोर इम्युनिटी वालों का रखते ध्यान
बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल तक की उम्र में जरूरी टीके लगाए जाते हैं। कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्ति खासतौर पर ६५ पार उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती महिला और कैंसर रोगी को निमोनिया से बचाव के लिए न्युमोकोकल वैक्सीन लगाते हैं। वार्षिक रूप से स्वाइन फ्लू का टीका लगाया जाता है। रोगों से बचाव के लिए १० साल के अंतराल में टिटनेस का टीका जरूरी है। बैक्टीरिया, वायरस व पैरासाइट से खूनी दस्त (पेचिश) से बचाव के लिए साफ सफाई बरतें। एनआरआइ जाते समय येलो फीवर का टीका लगाकर जाएं।
डॉ. मोनिका राठौड़, प्रोफेसर, कम्युनिटी मेडिसिन, एसएमएस अस्पताल, जयपुर