गौरतलब है कि गजानंद पिछले कई सालों से राजे के विशेषाधिकारी पद पर कार्यरत हैं। उन्हें अब भू-प्रबंधन आयुक्त एवं पदेन निदेशक पद पर लगाया गया है। चौंकाने वाली बात ये भी है कि आईएएस गजानंद के तबादले के बाद इस पद पर फिलहाल के लिए किसी अन्य अधिकारी की तैनातगी नहीं हुई है।
राजस्थान हाईकोर्ट दे चुका आदेश दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने भी हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली आवास सहित अन्य सुविधाओं को असंवैधानिक करार दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं नहीं दी जा सकती। इसके बाद सीएम गहलोत ने पूर्व सीएम की सुविधाओं को लेकर पॉलिसी बनाये जाने की बात कही थी।
गहलोत ने तब संकेत दे दिए थे कि इस नीति के तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास और सरकारी वाहन की सुविधा तो दी जायेगी, लेकिन पूर्व की तरह नौ अधिकारियों और कर्मचारियों का स्टाफ नहीं मिलेगा। इसके बाद से पूर्व सीएम राजे के विशाधिकारी के हटाए जाने को लेकर संभावना व्यक्त की जाने लगी थी। ऐसे में अब राजे का विशाधिकारी हटाए जाने को इसी परिप्रेक्ष्य में जोड़कर देखा जा रहा है।
गजानंद के OSD नियुक्ति पर हुआ था बवाल गहलोत सरकार ने इसी साल जनवरी माह में प्रमोटी आईएएस गजानंद को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का विशेषाधिकारी नियुक्त किया था। तब कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश पर आरएलपी विधायक रहे हनुमान बेनीवाल ने ऐतराज जताया था। बेनीवाल ने गजानंद की राजे के ओएसडी पद पर नियुक्ति को लेकर सवाल उठाये थे।
बेनीवाल ने तब अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद भी पूर्व मुख्यमंत्री की सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है। बेनीवाल ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी की नियुक्ति गहलोत और राजे के बीच सांठगांठ को उजागर करती है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई है रोक सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री को आइएएस या आरएएस अधिकारी को विशेष अधिकारी के तौर पर देने की रोक लगाई हुई है। लेकिन राजस्थान में राज्य सरकार के कानून के तहत अशोक गहलोत सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए आईएएस गजानंद शर्मा की नियुक्ति की गई थी।
70 आईएएस के तबादले, 10 कलक्टर्स बदले राज्य सरकार ने देर रात बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा के 70 अफसरों के तबादलें आदेश जारी किए हैं। जिसमें दस जिलों के जिला कलक्टर और सचिव शामिल है।
सरकार ने उर्जा विभाग, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, आबकारी आयुक्त, देवस्थान विभाग आयुक्त और जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को भी बदल दिया गया है। जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर फिर से अधिकारी को नियुक्त किया गया है इससे पहले यह जिम्मा निगम आयुक्त के पास था।