इसके बाद भाजपा नेता अखिल शुक्ला ने दावा किया कि इस मामले में आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बात की और उसके कार्रवाई रोक दी गई। भाजपा नेता के बयान पर सफाई देते हुए अरोड़ा ने कहा कि इस मामले में उनकी राजे से कोई बात नहीं हुई है।
दरअसल, सुबह आवासन मंडल के अधिकारी कार्रवाई के लिए इन्दिरा गांधी नगर पहुंचे थे। तोडफ़ोड़ शुरू की तो दुकानदारों ने विरोध करना शुरू कर दिया। दुकानदारों का कहना था कि दिवाली से ठीक पहले कार्रवाई होगी तो बाजार चौपट हो जाएगा। पहले ही कोरोनाकाल से व्यापार ठप हो चुका है।
भाजपा नेताओं ने किया विरोध
व्यापारियों के विरोध के बीच भाजपा के पूर्व विधायक कैलाश वर्मा, पार्टी नेता अखिल शुक्ला, आईटी सेल के महेंद्र चतुर्वेदी के अलावा महिला मोर्चा की पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। व्यापारियों के साथ इन सभी ने कार्रवाई का विरोध किया। थोड़ी देर की नोंकझोंक के बाद मंडल का दस्ता वापस लौट गया।
आखिर क्यों रही अधूरी कार्रवाई?
उप-आवासन आयुक्त अमित अग्रवाल इस मामले से खुद को बचाते हुए दिखाई दिए। लेकिन सवाल यह है कि जब राजे का फोन नहीं आया तो फिर कार्रवाई बीच में क्यो छोड़ी गई?
मेरी आवासन आयुक्त से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री का फोन आ गया है। मैंने कार्रवाई रोकने के लिए कहा है। तभी टीम ने अधूरी कार्रवाई की।
-अखिल शुक्ला, भाजपा नेता
मेरे पास किसी का फोन नहीं आया। मैं छुट्टी पर था। यदि कोई कह रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री के फोन पर कार्रवाई रोकी है। ये बात बेबुनियाद है।
-पवन अरोड़ा, आयुक्त, आवासन मंडल