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जयपुर

वेटरनरी हॉस्पिटल रहे बंद, मूक और बीमार पशुओं की सुध लेने वाला कोई नहीं

प्रदेश भर में बंद रहे अधिकांश वेटरनरी हॉस्पिटलराजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ ने उठाई मांगपशु चिकित्सा सेवाओं को आवश्यक सेवाओं में किया जाए शामिलफिर शुरू होंगे पशु चिकित्सा केंद्र

जयपुरApr 20, 2021 / 08:29 pm

Rakhi Hajela

वेटरनरी हॉस्पिटल रहे बंद, मूक और बीमार पशुओं की सुध लेने वाला कोई नहीं

वेटरनरी हॉस्पिटल रहे बंद, मूक और बीमार पशुओं की सुध लेने वाला कोई नहीं


जयपुर, २० अप्रेल।
राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के अधिकांश भागों में मंगलवार को बीमार मूक पशुओं की सुध लेने वाला कोई नहीं था। वजह थी अधिकांश वेटरनरी हॉस्पिटल (Veterinary Hospital) नहीं खुले। कार्मिकों का कहना था कि जब तक पशु चिकित्सा सेवाओं (Veterinary services) को आवश्यक सेवाओं में शामिल नहीं किया जाता तब तक प्रदेश के पशु चिकित्सा संस्थान (Veterinary Institute) नहीं खोले जाएंगे। मंगलवार को भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में यह संस्थान बंद रहे। इन संस्थानों में अधिकारियों और कर्मचारियों ने संभाग और मुख्यालय के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर मांग की कि उनका विभाग सरकार की ओर से जारी की गई आवश्यक सेवाओं की सूची में शामिल नहीं है। ऐसे में वह संस्थान नहीं खोलेंगे। राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय सैनी ने कहा कि प्रदेश में Curfew लगा हुआ है लेकिन मूक पशुओं की सुध लेने वाला कोई नहीं है। विभाग की ओर से इन्हें खोले जाने के अधिकारिक आदेश संस्थानों को नहीं मिले हैं और ना ही अब तक उन्हें आवश्यक सेवाओं में शामिल किया गया है, ऐसे में वह संस्थान कैसे खोल सकते हैं। बिना परिचय पत्र और पास संस्थान तक पहुंचना भी कार्मिकों के लिए संभव नहीं होगा।
अनिवार्य सेवा में किया जाए शामिल
सैनी ने कहा उन्हें अनिवार्य सेवा में शामिल किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि पशु चिकित्सा सेवा पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की असेंशियल सर्विसेज की श्रेणी में शामिल है लेकिन राज्य सरकार ने रविवार रात जो गाइडलाइन जारी की है उसमें आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में पशुपालन विभाग नहीं है। विभाग के जैसलमेर कार्यालय में कार्यरत एक पशु चिकित्सा अधिकारी की मृत्यु पिछले दिनों कोविड से ड्यूटी के दौरान हो चुकी है लेकिन उसके परिवार को सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक 50 लाख रुपए की राशि का मुआवजा नहीं मिल सका क्योंकि सरकार ने पशुपालन विभाग को आवश्यक सेवा में शामिल नहीं किया। गौरतलब है कि पशु चिकित्सा सेवाओं को राज्य सरकार ने आवश्यक सेवा में शामिल किया था लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया है।

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