सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2014 में जिले का लिंगानुपात 1000 लड़कों पर 8800 लड़कियां था। 2015 में ये 901,1000 हुआ। इसी दौरान 2015 में ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लॉन्च की गई, जिसने जिले में लिंगानुपात बढ़ाने को और प्रेरित किया। इसके बाद 2016 में ये अनुपात 933 और 2017 में 955 हो गया। जिले में योजना का सकरात्मक असर मोदी को झुंझुनू खींच लाया।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को कन्या भ्रूणहत्या रोकने और संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू किया है। योजना का मकसद बेटियों को सुरक्षा देने के साथ ही उन्हें इस काबिल बनाना भी है कि वो हर मुकाम छू सकें। अहम मंत्र ये है कि इससे बेटों और बेटियों को समाज में एक समान दर्जा मिल सके। इस योजना को अक्टूबर 2014 में प्रस्तुत किया गया था और 22 जनवरी 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पानीपत हरियाणा में इस योजना को लागू किया था।
महिला बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मानव संसाधन विकास इस स्कीम से जुड़े मंत्रालय हैं। बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना में अप्लाई करने के लिए आपको अपनी बेटी के लिए एक बैंक अकाउंट खोलना होगा जिसमें उस बच्ची की एज लिमिट 10 साल होनी चाहिए। सभी Banks इस योजना के लिए Authorize हैं। आप अपने पास के किसी भी बैंक में इस योजना के तहत अकाउंट खुलवा सकते हैं। Post Office में भी इस योजना के तहत Account Open करवा सकते हैं। योजना की सबसे बड़ी खासियत ये है छोटी छोटी Savings पर ज्यादा Interest मिलता है और उस लड़की का Account इंकम टैक्स के सेक्शन 80C 1961 के अनुसार पूरी तरीके से Tax Free है। योजना का लाभ पाने के लिए लड़की का जन्म प्रमाण पत्र, उसके माता पिता का पहचान प्रमाण पत्र
और उसके माता पिता के पते का प्रमाण पत्र आवश्यक है। योजना के तहत लड़की के माता पिता बैंक अकांउट में रकम जमा करवाते हैं। लड़की के 21 साल पूरे होने तक ये रकम जमा की जा सकती है। लड़की जब 29 साल की हो जाती है तब इस योजना के तहत भरी हुई रकम पूरी तरह withdraw की जा सकती है। अगर लड़की 18 साल हो जाए और शादी करना चाहे तब भी वह अपना फण्ड withdraw कर सकती है।