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जयपुर

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को भारतभर में लागू करने के लिए पीएम मोदी ने झुंझुनूं ही क्यों चुना…वजह आपको भी गर्व महसूस कराएगी

तो इसलिए मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए चुना राजस्थान का झुंझुनूं जिला

जयपुरMar 08, 2018 / 12:25 pm

Nidhi Mishra

All about Beti Bachao Beti Padhao - PM Modi Jhunjhunu Visit

All about Beti Bachao Beti Padhao – PM Modi Jhunjhunu Visit

जयपुर। राजस्थान भारत का सातवां सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है और कन्या भ्रूण हत्या के लिहाज से देखें तो ये प्रदेश टॉप 5 में आता है, जो स्थिति बिल्कुल अच्छी नहीं है। हालांकि पॉजिटिव पहलू ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के बाद देश में खासकर राजस्थान में खासा बदलाव आया है। 2011 के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान का झुंझुनूं जिला लिंगानुपात में काफी पीछे था। यहां 1000 लड़कों पर 837 लड़कियां थीं। राज्य के 33 जिलों में से इसी एक जिले में हालात सबसे ज्यादा खराब थे, लेकिन पीएम के अभियान के बाद यहां स्थितियां बदलीं। वर्तमान में झुंझुनूं जिले का लिंगानुपात 1000 लड़कों पर 955 लड़कियां हैं। इस आश्चर्यजनक और सुखद बदलाव ने पीएम मोदी को अपनी योजना की शुरुआत इसी जिले से करने की प्रेरणा दी। आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मोदी झुंझुनूं जिले से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को देश भर में लॉन्च करेंगे। योजना देश के सभी 640 जिलों में लागू की जाएगी।
यूं झुंझुनू बना अग्रणी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2014 में जिले का लिंगानुपात 1000 लड़कों पर 8800 लड़कियां था। 2015 में ये 901,1000 हुआ। इसी दौरान 2015 में ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लॉन्च की गई, जिसने जिले में लिंगानुपात बढ़ाने को और प्रेरित किया। इसके बाद 2016 में ये अनुपात 933 और 2017 में 955 हो गया। जिले में योजना का सकरात्मक असर मोदी को झुंझुनू खींच लाया।
क्यों शुरू हुई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को कन्या भ्रूणहत्या रोकने और संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू किया है। योजना का मकसद बेटियों को सुरक्षा देने के साथ ही उन्हें इस काबिल बनाना भी है कि वो हर मुकाम छू सकें। अहम मंत्र ये है कि इससे बेटों और बेटियों को समाज में एक समान दर्जा मिल सके। इस योजना को अक्टूबर 2014 में प्रस्तुत किया गया था और 22 जनवरी 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पानीपत हरियाणा में इस योजना को लागू किया था।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का उद्देश्य न सिर्फ बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार को रोकना है बल्कि मासूम बच्चियों को एक सुनहरा भविष्य देना भी हैं। ये योजना बेटियों को शिक्षा प्राप्त करने, हुनर सीखने और हर क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद करती है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के चलते बेटियों को सुरक्षा मिल सकेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजनाकी शुरुवात “बेटा बेटी एक सामान” के नारे से शुरू की।
हमारे देश में बेटियों की संख्या हर 1000 लड़कों के सामने 1991 में 945, 2001 में 927, और 2011 में 918 रही हैं। लड़के लड़कियों की संख्या के अनुपात में गिरावट की वजह से ये योजना लागू की गई। इस योजना के लिए हमारी गवर्नमेंट ने 100 करोड़ का बजट तय किया है। तीन लेवल में इस योजना की देखरेख हो रही है।
पहला राष्ट्रीय स्तर पर – नेशनल टास्क फाॅर्स सेक्रेटरी ऑफ़ MWCD मिनिस्टरी आॅफ वीमन एंड चाइल्ड डवलपमेंट

दूसरा लेवल राजकीय स्तर पर – स्टेट टास्क फाॅर्स सेक्रेटरी

तीसरा, जिला स्तर पर – जो डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर कर रहे हैं।

महिला बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मानव संसाधन विकास इस स्कीम से जुड़े मंत्रालय हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना में अप्लाई करने के लिए आपको अपनी बेटी के लिए एक बैंक अकाउंट खोलना होगा जिसमें उस बच्ची की एज लिमिट 10 साल होनी चाहिए। सभी Banks इस योजना के लिए Authorize हैं। आप अपने पास के किसी भी बैंक में इस योजना के तहत अकाउंट खुलवा सकते हैं। Post Office में भी इस योजना के तहत Account Open करवा सकते हैं। योजना की सबसे बड़ी खासियत ये है छोटी छोटी Savings पर ज्यादा Interest मिलता है और उस लड़की का Account इंकम टैक्स के सेक्शन 80C 1961 के अनुसार पूरी तरीके से Tax Free है। योजना का लाभ पाने के लिए लड़की का जन्म प्रमाण पत्र, उसके माता पिता का पहचान प्रमाण पत्र
और उसके माता पिता के पते का प्रमाण पत्र आवश्यक है। योजना के तहत लड़की के माता पिता बैंक अकांउट में रकम जमा करवाते हैं। लड़की के 21 साल पूरे होने तक ये रकम जमा की जा सकती है। लड़की जब 29 साल की हो जाती है तब इस योजना के तहत भरी हुई रकम पूरी तरह withdraw की जा सकती है। अगर लड़की 18 साल हो जाए और शादी करना चाहे तब भी वह अपना फण्ड withdraw कर सकती है।

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