मां की पुण्यतिथि पर बेटी राजे ने ट्वीट संदेश में श्रद्धांजलि देते हुए राजमाता विजया राजे को सेवा, स्नेह व समर्पण की मूरत बताया। उन्होंने कहा कि राजमाता ने भारतीय संस्कृति की मर्यादा बनाए रखते हुए राजपथ से निकलकर लोकपथ का दामन थामा। उनके सिद्धांत हमेशा हमारा पथ प्रदर्शन करते रहेंगे।
राजे ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि स्वर्गीय ‘अम्मा महाराज’ के आदर्श जीवन, सिद्धान्त और जनसेवा का भाव ना सिर्फ मेरे लिए बल्कि उन सभी राष्ट्रभक्तों के लिए प्रेरणा है, जो सांसारिक मोह-माया को त्यागकर राष्ट्रसेवा को अपना परम् धर्म समझते हैं।‘
‘राजपथ से निकलकर आईं लोकपथ’
मां को याद करते हुए राजे ने लिखा, ‘भारतीय राजनीति में महिलाओं को आगे लाने में राजमाता जी का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। वे राजपथ से निकलकर लोकपथ में आने वाली देश की पहली ऐसी महिला थीं, जिन्होंने महिला मोर्चा का गठन कर संगठन व देश के विकास को एक नई दिशा प्रदान की।‘
एक अन्य ट्वीट में राजे ने लिखा, ‘अम्मा महाराज का व्यक्तित्व भारतीय संस्कृति के संस्कारों से परिपूर्ण था। यही कारण है कि राजमाता जी ने आजीवन आम लोगों विशेषकर समाज के पिछड़े वर्ग, महिलाओं व बच्चों के कल्याण के लिए समर्पित होकर काम किया।‘