उन्होंने पहली लिस्ट में खुद का नाम नहीं होने पर भी नाराजगी जताई और इसके लिए कांग्रेस आलाकमान तक को फोन भी कर दिया, इसके बाद दिल्ली से उनका नाम जोडा गया। इस पर विश्वेन्द्र सिंह ने राहुल गांधी का आभार भी जताया है।
विश्वेन्द्र सिंह ने भाजपा में जाने और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के निमंत्रण देने की अटकलों पर कहा कि हम स्वाभिमान की राजनीति करते हैं और यदि हमारे स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है तो राजनीति में किसी भी तरह का बदलाव संभव होता है और जिस तरह से सोशल मीडिया,प्रिंट मीडिया ,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर हमारे भाजपा में जाने या डिप्टी सीएम का ऑफर मिलने की अटकलें चल रही है वह सरासर गलत है और अभी तक किसी भी भाजपा के नेता ने संदर्भ में कोई संपर्क नहीं किया है।
शुक्रवार की देर रात को एआईसीसी मेंबर की लिस्ट जारी हुई थी जिसमें हमारा नाम नहीं जोड़ा गया था जिस पर हम ने कांग्रेस आलाकमान के समक्ष फोन से आपत्ति जताई थी। सिंह ने कहा कि तीन उपचुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी को उनके नेताओं को जीत के नशे में मदहोश होकर चुप नहीं बैठना चाहिए बल्कि आज प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से ऊब चुकी है और वे कांग्रेस को पूर्ण बहुमत देने को तैयार है बशर्ते इसका लाभ कांग्रेस पार्टी को उठाना चाहिए।
कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी नहीं हो कर सभी को एक होना चाहिए और एक साथ मिलकर काम करना चाहिए जिससे वह पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना सकें। यदि गुटबाजी रही तो आने वाले चुनावों में सत्ता में आना बेहद मुश्किल साबित हो सकता है।