विफा के संस्थापक संयोजक सुशील ओझा ने बताया कि मृत्यु भोज जैसी कुप्रथा को बंद कर पुराने धार्मिक एवं आध्यात्मिक केंद्रों के जीर्णोद्धार के पीछे सोच है कि समाज और मानव हित में हमारी सनातन संस्कृति अक्षुण्ण रहे। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। अब कोरोना काल में तो नए सिरे से इनकी वैज्ञानिकता भी प्रमाणित हो गई है। विफा इसके लिए एक जनजागरण अभियान चलाएगा कि मृत आत्मा की शांति के लिए कर्मकांड पूरे विधि-विधान से कराएं, लेकिन मृत्यु भोज न करें। परिजनों की आत्मा की शांति व उनकी स्मृति को चिर स्थाई बनाए रखने के लिए आध्यात्मिक तथा अन्य जनोपयोगी स्थलों के जीर्णोद्धार में भोज की राशि का सदुपयोग करें। विफा की इस ऑनलाइन बैठक में ब्राह्मण समाज के 22 संवर्गों के 207 लोगों ने देश के 69 स्थानों से हिस्सा लिया।
दो को बनाया मुख्य संरक्षक, कार्यकारिणी में महिलाएं भी शामिल
बैठक में सर्व सम्मति से संस्था के मुख्य संरक्षक रायपुर विधायक सत्यनारायण शर्मा को तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष मुंबई के महावीर प्रसाद शर्मा को निर्वाचित किया गया। सीए सुनील शर्मा मुंबई, डॉ. पवन पारीक जयपुर व रमेश शर्मा कोलकाता को राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पहली बार 15 महिलाओं को शामिल कर नारी सशक्तिकरण का प्रभावी संदेश दिया गया। दिल्ली की चंद्रकांता पुरोहित राष्ट्रीय महिला प्रभारी होगी।
ये रहे मौजूद
विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय मीडिया सलाहकार विमलेश शर्मा ने बताया कि बैठक में उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा, सांसद रामचरण बोहरा व सीपी जोशी, उद्योगपति बनवारीलाल सोती, अर्थशास्त्री प्रो. गौरव वल्लभ, विधायक धर्मनारायण जोशी, राकेश पारीक, अभिनेष महर्षि, जिंदल स्टील के डॉ. विनोद नोवाल आदि मौजूद थे।