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राजस्थान में फ़र्ज़ी मतदाताओं का मामला पहुंचा चुनाव आयोग, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने की शिकायत

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जयपुरAug 14, 2018 / 01:37 pm

Nakul Devarshi

जयपुर/ नई दिल्ली।
राजस्थान में बड़ी संख्या में फ़र्ज़ी मतदाता होने की शिकायत भारतीय चुनाव आयोग तक पहुंच गई है। कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राजस्थान में मतदाता सूचियों में भारी गड़बड़ी की आशंका आयोग से जताई है। मंगलवार को नेताओं का प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाक़ात की। राजस्थान के साथ ही अन्य राज्यों की मतदाता सूचियों में भी भारी गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। कांग्रेस नेताओं ने आयोग से इस सम्बन्ध में जल्द एक्शन लेने की अपील की है।
 

निर्वाचन आयोग से मिले कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी शामिल रहे। आयोग से मिलने के बाद गहलोत और को भी सम्बोधित किया। दोनों ही नेताओं ने कहा कि विभिन्न राज्यों से फीडबैक मिला है कि वहां मतदाता सूचियों में भारी गड़बड़ियां हैं। आयोग से अपील की गई है कि जल्द इस सम्बन्ध में कदम उठाएं ताकि नज़दीक आ रहे विधानसभा चुनाव स्वच्छ और पारदर्शी तरीके से निपटाए जा सकें।
 

बीजेपी अध्यक्ष शाह की भी की है कांग्रेस ने शिकायत
कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह पर राज्यसभा चुनाव के समय अपने शपथ पत्र में देनदारियों का ब्यौरा जानबूझकर छिपाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, विवेक तन्खा तथा जयराम रमेश ने सोमवार को इस संबंध में यहां चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा और कहा कि जन प्रतिनिधि कानून 2004 के अनुच्छेद 75 ए के तहत चुनाव लडऩे वाले व्यक्ति को अपनी शैक्षिक योग्यता, संपत्ति और देनदारियों का शपथ देकर पूरे विवरण के साथ अनिवार्यरूप से सार्वजनिक करना होता है।
 

आयोग को इस संबंध में ज्ञापन सौंपने के बाद सिब्बल और सिंघवी ने पत्रकारों से कहा कि मीडिया में इस संबंध में आई खबरों के अनुसार भाजपा अध्यक्ष ने अपनी संपत्तियों और देनदारियों का पूरा विवरण जानबूझकर नहीं दिया है और ऐसा कर उन्होंने जन प्रतिनिधि कानून की धारा 125 ए के तहत अपराध किया है। आयोग को जानबूझकर छिपाई गई इस जानकारी को लेकर उनके खिालफ आपराधिक प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
 

पुत्र की कंपनी के ऋण का मामला उठाया
उन्होंने कहा कि खबरों के अनुसार भाजपा अध्यक्ष के बेटे जय शाह ने कुसुम फिनसर्व नाम की अपनी नई कंपनी बनाई और इसके लिए अपने पिता की सम्पत्ति गिरवी रखकर गुजरात कोपरेटिव बैंक से 25 करोड़ रुपए का ऋण लिया था। उन्होंने कहा कि यह देनदारी है। क्योंकि 25 करोड़ का ऋण तब ही मिलता है जब इसके लिए सम्पत्ति गिरवी रखी जाती है। इसका मतलब है कि निश्चित रूप से आपको पैसा लौटाना पड़ेगा और जो पैसा लौटाना होता है वह देनदारी है।
 

उन्होंने कहा कि आयोग से शिकायत की गई है कि शाह ने इस बात का उल्लेख अपने शपथ पत्र में नहीं किया है और यह 2004 के नियम का उल्लंघन किया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि श्री शाह ने जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया है और राज्यसभा के लिए दायर शपथ पत्र में इस देनदारी का विवरण नहीं दिया है।
 

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