अधिकारियों ने मामले की पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। पीठासीन अधिकारियों ने गलती मानकर बात कबूली। अब दोनों कर्मचारियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। जिला निर्वाचन अधिकारी जगरूप सिंह यादव ने बताया कि रजिस्ट्रार और ईवीएम में 50 वोटों का अंतर आ रहा है। अब चुनाव आयोग से अनुमति के बाद मतगणना होगी। अब दोनों बूथों की
वीवीपैट की पर्ची के मिलान से गणना की जाएगी। हालांकि मॉक पोल के बाद वीवीपेट से निकली पर्चियों को अलग कर खाली कर सील कर दिया गया था। ऐसे में अब इन बूथों की मतगणना ईवीएम के बजाब पर्चियों से होगी। हालांकि इसके लिए निर्वाचन विभाग को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी।
वहीं पहले फेज में 13 सीटों पर मतदान हुआ था और दूसरे फेज में 12 लोकसभा सीटों पर मतदान कराया गया था। पहले फेज के मुकाबले दूसरे फेज में मतदान कम होने से अब सभी 25 लोकसभा सीटों पर 66.07 फीसदी मतदान रहा है। जबकि गत लोकसभा चुनाव में वर्ष 2014 में 63.11 फीसदी वोट पड़े थे। ऐसे में इस बार 2.96 फीसदी मतदान अधिक हुआ, जो अब तक का लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान है। निर्वाचन विभाग को किसी भी जगह से गड़बड़ी के चलते पुनर्मतदान कराए जाने को लेकर शिकायत नहीं मिली है। मतदान में पुरुषों की 66.54, महिला 65.55 और ट्रांसजेण्डर ने 39.62 फीसदी भागीदारी रही। राज्य में पहले चरण में 13 सीटों पर 68.17 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे। लेकिन दूसरे चरण में 63.71 फीसदी मतदान बूथों पर पहुंच सके।