दलित उत्पीड़न को लेकर “आरएलपी” विधायकों का वाकआउट…धरना
नागौर में दलित उत्पीड़न के मामले की घटना ने तूल पकड़ लिया है। गुरुवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट भाषण शुरु होते ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी “आरएलपी” विधायकों ने सदन से वाक आउट कर दिया और विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए।
दलित उत्पीड़न को लेकर “आरएलपी” विधायकों का वाकआउट…धरना
दलित उत्पीडन को लेकर “आरएलपी” विधायकों का वाकआउट…धरना राहुल गांधी के ट्वीट के बाद सरकार में मची हलचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने बनाई तीन सदस्यीय जांच कमेटी जयपुर
नागौर में दलित उत्पीड़न के मामले की घटना ने तूल पकड़ लिया है। गुरुवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट भाषण शुरु होते ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी “आरएलपी” विधायकों ने सदन से वाक आउट कर दिया और विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए।
बजट भाषण शुरू होते ही आरएलपी विधायकों ने वेल में आकर दलित युवकों के उत्पीड़न की सीबीआई से जांच कराने की मांग की वहीं, परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए दोनों मुद्दों पर सदन से वाकआउट कर गए। सीएम के बजट भाषण के दौरान आरएलपी के तीनों विधायक विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे रहे। विधायक पुखराज गर्ग ने बताया कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद दो दिन तक पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी उलटा समझौता करवाने के प्रयास में जुटी रही। इसलिए इस घटना की सीबीआई से जांच करानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई पुलिसवाला किसी अपराधी को पकड़ता है तो श्रेय एसपी लेते हैं, इसलिए इस घटना की जिम्मेदारी भी एसपी की है, इसलिए उन्हें एपीओ किया जाना चाहिए। आरएलपी के तीनों विधायक दोपहर दो बजे घटनास्थल के लिए रवाना हो गए।
इस घटना की जांच के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी शुक्रवार को घटनास्थल का दौरा करेगी और पीड़ितों से मुलाकात करेगी। यह कमेटी जांच के बाद तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रदेशाध्यक्ष को सौंपेंगी। इस कमेटी में राज्य सरकार के कैबीनेट मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, हरीश मीणा और पार्टी के महासचिव महेश शर्मा को शामिल किया गया है।
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्टवीट करके दलित युवकों के उत्पीड़न की निंदा करते हुए इस मामले में सरकार से त्वरित कार्रवाई करने की बात कही। इसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने ट्टीट किया कि आरोपी पकड़ लिए गए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इस मामले में सियासत शुरू हो गई है। दलित संगठनों ने इसका विरोध करते हुए दोषियों को शीघ्र सजा दिलाने की मांग की है।