वहीं जाट ने चेतावनी देते हुए कहा कि अभी भी वक्त हैं संभल जाए, उखाड़ फेकेंगे मैदान से और नहीं तो दल, जाति, सम्प्रदाय जैसे मुद्दे उठकर समान आर्थिक हितों के आधार पर एकता कर किसान वोट बैंक मनायंगे और उसी के आधार पर किसान राज का उद्घोष करेंगे। इस मौके पर सत्यनारायण सिंह, रामेश्वर चौधरी, रणजीत रणव, भैंरु राम सहित कई किसान नेताओं ने सम्बोधित किया। इस मौके पर कई जिलों से किसान नेता आए।
आर्थिक रुप से कमजोर हो रहा किसान
किसान नेता गिरिराज सिंह खंगारोत ने कहा किसान आर्थिक रुप से पिछड़ता जा रहा है। पंजीकरण के बाद भी फसले नहीं खरीदी जा रही। लहसून बोने वाले किसान आत्म हत्या कर रहे है। सरसों सहित कई फसलों पर नुकसान हो रहा है।
किसान नेता गिरिराज सिंह खंगारोत ने कहा किसान आर्थिक रुप से पिछड़ता जा रहा है। पंजीकरण के बाद भी फसले नहीं खरीदी जा रही। लहसून बोने वाले किसान आत्म हत्या कर रहे है। सरसों सहित कई फसलों पर नुकसान हो रहा है।
ये प्रमुख मांगे
कृषक सुरक्षा अधिनियम एवं कृषि भूमि का अधिकरण रोकने के कानून बनाए।
उपज समर्थन मूल्य में खरीदकर सीधे खाते में जमा कराए पैसे।
खरीद के लिए स्थाई तंत्र विकसित हो, कृषि क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराए, लहसुन जल्दी खरीदा जाए।
जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान पर राहत दी जावे।
कृषक सुरक्षा अधिनियम एवं कृषि भूमि का अधिकरण रोकने के कानून बनाए।
उपज समर्थन मूल्य में खरीदकर सीधे खाते में जमा कराए पैसे।
खरीद के लिए स्थाई तंत्र विकसित हो, कृषि क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराए, लहसुन जल्दी खरीदा जाए।
जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान पर राहत दी जावे।
खरीफ की उपजों के लिए वास्तविक लागत को डेढ गुना से अधिक घोेषित न्यूनतम समर्थन मूल्य जितना कम हैं, उसकी सीमा तक बोनस की घोषणा की जाए;