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मौसम के बाद टिड्डी की मार, यों हो रहा किसानों को नुकसान

locationजयपुरPublished: Jul 13, 2020 03:43:58 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

प्रदेश में कभी ओलावृष्टि तो कभी तूफान, कभी सूखे तो कभी कीट-पतंगों-टिड्डियों का दंश झेलने वाले धरतीपुत्रों के हिस्से में प्राय: इंतजार ही आता रहा है।

Weather after Tiddi Dal Attack

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जयपुर। प्रदेश में कभी ओलावृष्टि तो कभी तूफान, कभी सूखे तो कभी कीट-पतंगों-टिड्डियों का दंश झेलने वाले धरतीपुत्रों के हिस्से में प्राय: इंतजार ही आता रहा है। किसान हर सीजन में अपनी फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए बीमा कराते रहे हैं लेकिन यह उनके कोई काम नहीं आ रहा।

बीमा कपनियां विभिन्न प्रकार की शर्तें लगाकर बच निकलती हैं या खातों में पैसा डालने के लिए किसानों को लंबा इंतजार कराती हैं। प्राय: किसान आंदोलन पर नहीं उतरते तब तक क्लेम जारी ही नहीं होता। प्रदेश में कुछ जिलों को छोड़ दें तो ज्यादातर में किसी भी बीमित किसान को अब तक खरीफ फसल का क्लेम नहीं मिला। जिसे मिला, वह अत्यन्त कम है। पत्रिका ने की जिलेवार पड़ताल।

बीमित किसान, कितनों को क्लेम

जिला—–बीमित—–क्लेम
कोटा—–82,000—–66900
झुंझुनूं—–176000 —–शून्य
सीकर—–209819—–शून्य
बारां—–49159—–36805
पाली—–90134—–41204
बाड़मेर—–427000—–शून्य
जोधपुर—–325000—–64600
झालावाड़—–75810—–28710
बीकानेर—–62502—–सभी को
जालोर—–47000—–12209
भीलवाड़ा—–83302—–82302
चित्तौडगढ़़—–148868—–104869
डूंगरपुर—–27110—–17125
चूरू—–300000—–200000
भरतपुर—–40781—–38417
नागौर—–231000—–59000
राजसमंद—–7737—–सभी को
बाड़मेर—–427000—–शून्य
श्रीगंगानगर—–150000—–69000
हनुमानगढ़—–200952—–120952
अजमेर—–45071—–सभी को
प्रतापगढ़—–29990—–29495

यों हो रहा किसानों को नुकसान
बाजरे और इसके चारे के प्रति हैक्टेयर औसतन पैदावार की कीमत बाजार दर के हिसाब से 70-80 हजार रुपए तक होती है। इसके बावजूद बीमित राशि प्रति हैक्टेयर मात्र 6856 रुपए रखी गई है। ग्वार की कुल पैदावार 90 हजार से एक लाख, मूंग की पैदावार एक लाख से 1.20 लाख, मोठ की पैदावार 80 हजार से एक लाख रुपए प्रति हैक्टेयर होती है। इनकी भी बीमित राशि क्रमश: मात्र 9785, 20701, 12256 तय की गई है। वर्ष 2018 में बाजरे की बीमित राशि 19 हजार थी। वर्ष 2019 में इसे 14 हजार कर दिया गया और अब 6856 रुपए प्रति हैक्टेयर रखी गई है। यह हाल केमोबेश हर जिले का है।
(बाड़मेर जिले में प्रति हैक्टेयर उत्पादन के आधार पर)
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