scriptबदला मौसम तंत्र, पूर्वी भागों में तेज हवा चलने व बारिश की संभावना, यहां कई बस्तियां हुई जलमग्न | Weather Change in Rajasthan: Rajasthan Weather Forecast 2 Oct 2019 | Patrika News
जयपुर

बदला मौसम तंत्र, पूर्वी भागों में तेज हवा चलने व बारिश की संभावना, यहां कई बस्तियां हुई जलमग्न

Weather Change in Rajasthan: देश में सक्रिय दक्षिण पश्चिमी मानसून ( Monsoon 2019 ) अब पूर्व के बाद प्रदेश के दक्षिण पूर्वी इलाकों की ओर सक्रिय हो रहा है। विदाई से पहले दक्षिण पूर्वी इलाको में अगले एक दो दिन बारिश ( Rain in Rajasthan ) होने की संभावना है…

जयपुरOct 02, 2019 / 10:46 am

dinesh

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जयपुर। प्रदेश में सक्रिय दक्षिण पश्चिमी मानसून ( Monsoon 2019 ) अब पूर्व के बाद प्रदेश के दक्षिण पूर्वी इलाकों की ओर सक्रिय हो रहा है। विदाई से पहले दक्षिण पूर्वी इलाको में अगले एक दो दिन बारिश ( Rain in Rajasthan ) होने की संभावना है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के शेष भागों में मौसम शुष्क हो गया है और पश्चिमी जिलों में दिन में पारा सामान्य से तीन चार डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहने पर दिन में गर्मी के तेवर तीखे होने लगे हैं। मौसम वैज्ञानिकों ( Rajasthan Weather Forecast ) के अनुसार दक्षिण पूर्वी राजस्थान व पश्चिमी मध्य प्रदेश में कम वायुदाब क्षेत्र सक्रिय होने के कारण अगले चौबीस घंटे में कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
बीते चौबीस घंटे में पूर्वी राजस्थान में डूंगरपुर और उदयपुर में तेज बारिश हुई। वहीं कोटा और जोधपुर में भी छिटपुट बौछारें गिरी। राजधानी जयपुर में बादलों की आवाजाही रही। आज सुबह जयपुर में आसमान साफ रहा वहीं रात में तापमान सामान्य से कम रहने पर रात में मौसम का मिजाज ठंडा रहा है। शहर में आज सुबह 8 बजे अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। स्थानीय मौसम केंद्र के अनुसार शहर में आज मौसम शुष्क रहेगा और दिन में छितराए बादलों की आवाजाही शहर में बनी रहेगी।
तेज अंधड़ ने उठाए टेंट, फ्रीज
जैसलमेर जिले के सम स्थित मखमली धोरों पर बीती रात तेज आंधी ने सितम ढाहाया। आंधी में सम सेंडयून्स स्थित रिसोर्टस के टेंट उड़ गए। जिससे रिसोर्ट संचालको को काफी नुकसान हुआ है। बवंडर इतना तेज था कि टेंट की छतों के साथ-साथ फर्नीचर व वहां रखे फ्रीज भी चपेट में आ गए। गनीमत रही कि रिसोर्ट संचालकों की सजगता से केम्पों में रुके पर्यटकों को सही सलामत पक्के रिसॉट्र्स में पहुंचा दिया गया, जिससे जनहानि नहीं हुई।

कोटा में फिर बस्तियां हुई जलमग्न
तेज बारिश व मध्यप्रदेश से पानी की आवक ज्यादा होने से चम्बल के चारों बांधों के गेट मंगलवार को एक बार फिर खोलने पड़े। गांधीसागर बांध के 8, राणाप्रताप सागर बांध के 9, जवाहरसागर व कोटा बैराज के 11 गेट खोलकर पानी की निकासी की गई। बांधों के गेट खोलने के साथ ही एक बार फिर कोटा बैराज ने अलर्ट जारी कर दिया। चम्बल में उफनता पानी फिर से निचली बस्तियों की चौखट पार गया गया। पानी को बढ़ते देख बस्तियों के लोग फिर घबरा गए हैं। कोटा में कुन्हाड़ी की बापू बस्ती व नयापुरा की हरिजन बस्ती में दो-दो फीट पानी भर गया। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को सावचेत रहने के निर्देश दिए हैं। वहं रावतभाटा में चुलिया फाल पर पानी की चादर चल गई। वहीं चामला पुलिया के नीचे से पानी बहना शुरू हो गया। गौरतलब है कि गांधीसागर व राणाप्रताप सागर बांधों के रविवार को सभी गेट बंद कर दिए थे, सिर्फ कोटा बैराज का एक गेट खुला था, लेकिन मंगलवार को फिर पानी की आवक होने से गेट खोलने पड़े।

बीसलपुर बांध में पानी की निकासी हुई कम
बीते डेढ़ महीने से छलक रहे बीसलपुर डेम से बनास नदी में छोड़े जा रहे पानी की निकासी कम होने लगी है। हालांकि अब भी डेम का एक गेट खुला है लेकिन बीते 24 घंटे में सहायक नदियों से पानी की आवक कम होने के बाद बीती रात डेम के आधा मीटर उंचाई तक खुले एक गेट को अब आधे से भी कम कर दिया गया है। वहीं पानी की निकासी महज 1500 क्यूसेक ही रह गई है। हालांकि त्रिवेणी में पानी का बहाव 1.80 मीटर उंचाई पर रहा है जिसके कारण डेम में पानी की आवक धीमी रफ्तार से लेकिन लगातार बनी हुई है। बीसलपुर डेम कंट्रोल रूम के अनुसार बीती रात आधा मीटर उंचाई तक खुले एक गेट की उंचाई घटाकर .25 मीटर कर दी गई है और तीन हजार क्यूसेक से घटकर अब पानी की निकासी 1502 क्यूसेक ही रह गई है। गंभीरी,खारी,डाई और भेड़च नदियों से त्रिवेणी में पानी की आवक अब कम हो गई है। हालांकि त्रिवेणी में अब भी पानी का बहाव 1.80 मीटर उंचाई तक बना हुआ है।

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