किसानों को झेलनी पड़ रही दोहरी मार
तापमान अधिक होने से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। तापमान अधिक होने से एक ओर जहां गेहूं का दाना सिकुड़ रहा है और उसका वजन कम होने से कुल उत्पादन में 10 फीसदी तक की कमी होने की आशंका बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर किसान इस बात से चिंतित भी हैं कि इस सिकुड़े हुए गेहूं के दाने को बाजार में बेचने में उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
30 फीसदी क्षेत्र के किसान ही तापरोधी किस्मों से कर रहे खेती
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक अभी राज्य में सिर्फ 30 फीसदी क्षेत्र के किसान ही गेहूं की तापरोधी किस्मों से खेती कर रहे हैं जबकि 70 फीसदी किसान इन किस्मों का उपयोग नहीं करने से मौसम की इस मार से प्रभावित हो सकते हैं।
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक अभी राज्य में सिर्फ 30 फीसदी क्षेत्र के किसान ही गेहूं की तापरोधी किस्मों से खेती कर रहे हैं जबकि 70 फीसदी किसान इन किस्मों का उपयोग नहीं करने से मौसम की इस मार से प्रभावित हो सकते हैं।
108 लाख मीट्रिक टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान
राज्य में इस बार करीब 108 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। इसमें से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करीब 18 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा सकता है। लेकिन तापमान की अधिकता से गेहूं के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और उत्पादन लगाए गए अनुमान से कम होने की आशंका जताई जा रही है।
राज्य में इस बार करीब 108 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। इसमें से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करीब 18 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा सकता है। लेकिन तापमान की अधिकता से गेहूं के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और उत्पादन लगाए गए अनुमान से कम होने की आशंका जताई जा रही है।