जयपुर

SURYA RATH SAPTAMI सूर्यदेव को बेहद प्रिय है सप्तमी , जानें क्या है इसकी वजह

ACHALA SAPTAMI ACHLA SAPTMI 2021 ACHLA SAPTMI KATHA ACHLA SAPTMI VRAT VIDHI AROGYA SAPTAMI IMPORTANCE OF ACHALA SAPTAMI IMPORTANCE OF RATHA SAPTAMI MAGH SHUKLA SAPTAMI RATHA SAPTAMI FAST SUN WORSHIP SURYA JAYANTI SURYA RATH SAPTAMI SURYA RATH SAPTAMI WHEN IS ACHALA SAPTAMI 2021 अचला सप्तमी अचला सप्तमी 2021 माघ शुक्ल सप्तमी रथ सप्तमी व्रत सूर्य उपासना सूर्य रथ सप्तमी

जयपुरFeb 18, 2021 / 05:28 pm

deepak deewan

WHEN IS BHANU SAPTAMI ACHALA SAPTAMI DATE SURYA JAYANTI RATH SAPTAMI

जयपुर. माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को अचला सप्तमी कहते हैं। इसे माघी सप्तमी, रथ सप्तमी, आरोग्य सप्तमी, भानु सप्तमी, अर्क सप्तमी, सूर्य रथ सप्तमी, संतान सप्तमी आदि नामों से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्य देव की आराधना बहुत शुभ और त्वरित फलदायी होती है। अचला सप्तमी को सालभर की सभी सप्तमी तिथियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
सप्तमी तिथि का संबंध सूर्यदेव से है। सूर्यदेव को सप्तमी तिथि बहुत प्रिय है। अनेक पुराणों में भी इसका महत्व और कारण बताया गया है। अलग—अलग पुराणों में सप्तमी तिथि पर सूर्यदेव की पूजा को विशेष फलदायी भी कहा गया है। पुराणों में बताया गया है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके वस्त्र आदि दान करने से सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि भविष्य पुराण के अनुसार सप्तमी तिथि को ही सूर्यदेव का आविर्भाव हुआ था। सप्तमी तिथि पर ही उन्हें भार्या प्राप्त हुई थी, इसी तिथि पर सूर्यदेव को दिव्य रूप प्राप्त हुआ और इसी दिन संतान प्राप्त हुई। यही वजह है कि सूर्यदेव को सप्तमी तिथि अति प्रिय है। स्कंद पुराण के अनुसार इसी दिन सूर्यदेव अश्वरथ पर पहली बार आरूढ हुए थे।
माघ शुक्ल सप्तमी को नारद पुराण में अचला व्रत कहा गया है। यह पुत्रदायक व्रत माना गया है। इसे त्रिलोचन जयंती भी कहा जाता है। इस दिन अरुणोदय के समय स्नान किया जाता है। स्वयं सूर्यदेव ने कहा है कि माघ शुक्ल सप्तमी के दिन जो मेरी पूजा करेगा मैं अपने अंश से उसका पुत्र होउंगा। इस दिन आक और बेर के सात—सात पत्ते सिर पर रखकर स्नान कर दिनभर नियम संयम से उपवास रखना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेेंद्र नागर के अनुसार भविष्योत्तर पुराण में लिखा है कि माघ मास की शुक्ल पक्ष सप्तमी पर स्नान, दान तथा सूर्यदेव को जल अर्पित करने से आयु, आरोग्य और सुख—संपदा प्राप्त होती है। यह सप्तमी करोडों सूर्य के बराबर है। अग्नि पुराण में अग्नि देव ने कहा है कि इस दिन अष्ट दल या द्यादश दल कमल का निर्माण कर इसमें भगवान सूर्य की पूजा करने से मनुष्य शोक रहित हो जाता है।

Home / Jaipur / SURYA RATH SAPTAMI सूर्यदेव को बेहद प्रिय है सप्तमी , जानें क्या है इसकी वजह

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.