डब्ल्यूएचओ की नसीहतें
– कोरोना वायरस कुछ लोगों के लिए घातक बीमारी साबित हो सकता है। सामूहिक आायोजनों के कारण वायरस फैल सकता है।
– प्रत्येक पांच संक्रमितों में से एक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है।
– कोरोना वायरस का प्रसार द्रव्य आधारित होता है। दफ्तरों के टेबल, डेस्क और टेलीफोन से ये फैल सकता है।
– संक्रमित हाथों से मुंह, नाक और आंखों को छूने से ये फैलता है।
– 40 वर्ष से अधिक आयु के डायबिटीज, हार्ट और लंग इंफेक्शन वाले मरीजों के लिए ये घातक साबित हो सकता है।
– कोरोना वायरस कुछ लोगों के लिए घातक बीमारी साबित हो सकता है। सामूहिक आायोजनों के कारण वायरस फैल सकता है।
– प्रत्येक पांच संक्रमितों में से एक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है।
– कोरोना वायरस का प्रसार द्रव्य आधारित होता है। दफ्तरों के टेबल, डेस्क और टेलीफोन से ये फैल सकता है।
– संक्रमित हाथों से मुंह, नाक और आंखों को छूने से ये फैलता है।
– 40 वर्ष से अधिक आयु के डायबिटीज, हार्ट और लंग इंफेक्शन वाले मरीजों के लिए ये घातक साबित हो सकता है।
बैठकों में ये रखें ध्यान
– बैठकों में हाथ मिलाने से परहेज करें।
– संभागियों को एल्कोहोल बेस्ड हैंड सैनिटाजर्स का बार बार उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए।
– खांसते और छींकते समय रुमाल अथवा टिश्यू पेपर से मुंह को ढंके।
– आमने-सामने की बैठकों की बजाय, वाडियो अथवा ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विकल्प आजमाया जाना चाहिए।
– जरूरी होने पर ही बैठकें हों, इनमें भी कम से कम लोगों को बुलाया जाए।
– सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों को इन बैठकों के बारे में पूर्व सूचना दी जानी चाहिए।
– बैठकों में हैंड सैनिटाजर्स और टिश्यू पेपर्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सांस के रोगियों के लिए उचित मास्क हों।
– बैठक में भाग लेने वाला यदि किसी रोग से ग्रसित है तो उसे नहीं बुलाया जाए।
– आयोजनकर्ता संस्था मौखिक और लिखित तौर पर बैइक से पूर्व कोरोना से बचाव के लिए की गई तैयारियों के बारे में बताए।
बैठकों के बाद ध्यान रखें
– बैठक में भाग लेने वाले प्रत्येक संभागी के स्वास्थ्य पर एक माह तक नजर रखें। किसी के भी बीमार होने पर सभी सतर्क रहें।
– सभी संभागियों के टेलीफोन नंबर और ई-मेल आयोजनकर्ता अपने पास रखें जिससे स्वास्थ्य संबंधी किसी भी सूचना को साझा किया जा सके।
– किसी भी संभागी को हल्का बुखार भी आए तो वह घर पर ही रहे और अन्य परिजनों को अपने से दूर रखें।
– बैठकों में हाथ मिलाने से परहेज करें।
– संभागियों को एल्कोहोल बेस्ड हैंड सैनिटाजर्स का बार बार उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए।
– खांसते और छींकते समय रुमाल अथवा टिश्यू पेपर से मुंह को ढंके।
– आमने-सामने की बैठकों की बजाय, वाडियो अथवा ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विकल्प आजमाया जाना चाहिए।
– जरूरी होने पर ही बैठकें हों, इनमें भी कम से कम लोगों को बुलाया जाए।
– सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों को इन बैठकों के बारे में पूर्व सूचना दी जानी चाहिए।
– बैठकों में हैंड सैनिटाजर्स और टिश्यू पेपर्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सांस के रोगियों के लिए उचित मास्क हों।
– बैठक में भाग लेने वाला यदि किसी रोग से ग्रसित है तो उसे नहीं बुलाया जाए।
– आयोजनकर्ता संस्था मौखिक और लिखित तौर पर बैइक से पूर्व कोरोना से बचाव के लिए की गई तैयारियों के बारे में बताए।
बैठकों के बाद ध्यान रखें
– बैठक में भाग लेने वाले प्रत्येक संभागी के स्वास्थ्य पर एक माह तक नजर रखें। किसी के भी बीमार होने पर सभी सतर्क रहें।
– सभी संभागियों के टेलीफोन नंबर और ई-मेल आयोजनकर्ता अपने पास रखें जिससे स्वास्थ्य संबंधी किसी भी सूचना को साझा किया जा सके।
– किसी भी संभागी को हल्का बुखार भी आए तो वह घर पर ही रहे और अन्य परिजनों को अपने से दूर रखें।