तबीयत ठीक होने पर महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी है। महिला के वायरस की चपेट में आने के कारण फिलहाल अज्ञात है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देश में इससे पूर्व जीका के तीन मामले ही हुए हैं। जीका वायरस के मरीज का राजस्थान में पहला मामला बताया जा रहा है।
जीका वायरस एडीस एजिप्टी नामक संक्रमित मच्छर के लोगों को काटने से फैलता है। इन मच्छरों से डेंगु और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां भी होती हैं। जीका वाइरस से संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, थकान और शरीर पर लाल चकत्ते जैसी समस्याएं होती हैं।
गर्भवती महिलाओं पर इस वायरस का ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस से बचने के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत मच्छरों को फैलने से रोका जाए। उनसे बचाव की कोशिश होनी चाहिए। पूरे बदन को ढंकने वाले कपड़े पहने जाएं। घरों में मच्छर को पनपने नहीं दिया जाए। मच्छर से बचाव के जरिए ही जीका वायरस से बचा जा सकता है।