जयपुर राज्य सरकार महिला और बच्चों के विकास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए यूं तो ढेरों योजनाएं चला रही है और इन पर करोड़ों रुपए भी हर साल खर्च किए जा रहे है। लेकिन आलम ये है कि क्रियान्वयन के नाम पर ‘जीरो’ काम हो रहा है। जिसकी सबसे बड़ी वजह इन योजनाओं का संचालन करने वाले कर्मचारियों का अप्रशिक्षित होना है। इस चौंकाने वाले सच का खुलासा ‘केंद्रीय निगरानी इकाई’ की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार 41 प्रतिशत कर्मचारी सरकार के उस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण से वंचित है जो सरकारी योजनाओं को समझने, उनका बेहतर क्रियान्वयन करने के लिए जरुरी है। लेकिन विडंबना है कि राज्य सरकार के अनगिनत प्रशिक्षण आयोजित होने के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारी अनट्रेंड ही रह गए।
‘केंद्रीय निगरानी इकाई’ ने इस बारे में विभाग से जवाब मांगा है आखिर क्यूं इतना पैसा खर्च करने के बाद भी कर्मचारी अनट्रेंड रह गए। रिपोर्ट के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी जिलों के डिप्टी डायरेक्टर्स और संबंधित जिलाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से जिला स्तर पर आयोजित प्रशिक्षण और उसमें शामिल होने वाले कर्मचारियों की सूची मांगी हैं। इस सूची को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित प्रारुप में भरकर उसे विभाग को सौंपने को कहा है।
‘केंद्रीय निगरानी इकाई’ ने इस बारे में विभाग से जवाब मांगा है आखिर क्यूं इतना पैसा खर्च करने के बाद भी कर्मचारी अनट्रेंड रह गए। रिपोर्ट के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी जिलों के डिप्टी डायरेक्टर्स और संबंधित जिलाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से जिला स्तर पर आयोजित प्रशिक्षण और उसमें शामिल होने वाले कर्मचारियों की सूची मांगी हैं। इस सूची को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित प्रारुप में भरकर उसे विभाग को सौंपने को कहा है।
…तो होगी कार्रवाई—
इसी माह प्रशिक्षण की संख्या, इसमें शामिल नहीं होने वाले कर्मचारी और शामिल होकर प्रशिक्षण लेने और प्रशिक्षण के बाद उसके क्रियान्वयन में जुटे कर्मचारियों की सूची विभाग को सौंपनी होगी। ऐसा नहीं करने वाले अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया कि लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इसी माह प्रशिक्षण की संख्या, इसमें शामिल नहीं होने वाले कर्मचारी और शामिल होकर प्रशिक्षण लेने और प्रशिक्षण के बाद उसके क्रियान्वयन में जुटे कर्मचारियों की सूची विभाग को सौंपनी होगी। ऐसा नहीं करने वाले अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया कि लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
क्यूं जरुरी है प्रशिक्षण—
विभाग की मानें तो आईसीडीएस सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कर्मचारियों का प्रशिक्षण अनिवार्य और महत्वपूर्ण तत्व है। इसीलिए कर्मचारियों को काम संभालने से पूर्व और काम संभालने के बाद निश्चित समय अंतराल पर प्रशिक्षण व विशिष्ट कौशल विकास प्रशिक्षण का प्रावधान रखा गया है।
विभाग की मानें तो आईसीडीएस सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कर्मचारियों का प्रशिक्षण अनिवार्य और महत्वपूर्ण तत्व है। इसीलिए कर्मचारियों को काम संभालने से पूर्व और काम संभालने के बाद निश्चित समय अंतराल पर प्रशिक्षण व विशिष्ट कौशल विकास प्रशिक्षण का प्रावधान रखा गया है।
फैक्ट फाइल—
प्रदेश में है कुल— 63 हजार आंगनबाड़ी केंद्र
परियोजनाएं— 304
एक केंद्र पर बच्चों की संख्या लगभग— 15 से 25
ये चलती है योजनाएं—टीकाकरण, पोषाहार, शाला पूर्व शिक्षा आदि
प्रदेश में है कुल— 63 हजार आंगनबाड़ी केंद्र
परियोजनाएं— 304
एक केंद्र पर बच्चों की संख्या लगभग— 15 से 25
ये चलती है योजनाएं—टीकाकरण, पोषाहार, शाला पूर्व शिक्षा आदि