जब आपका बच्चा एक काम पूरा करता है, तो चार्ट पर एक स्टिकर लगाएं। छोटे बच्चों के लिए, स्टिकर एक अच्छा प्रोत्साहन हो सकता है। बड़े बच्चों को प्रेरित रहने के लिए बड़े पुरस्कारों की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, जरूरी नहीं कि पुरस्कार का लालच देकर ही उनसे काम करवाया जाए, यह और भी बुरा हो सकता है।
यदि किसी बच्चे से अपने खुद के कपड़े तह रख कर रखने की अपेक्षा की जाती है, तो उसे सिखाएं कि कपड़े कहां रखें और किस तरह उन्हें तह किया जाना चाहिए। उनके प्रयास की प्रशंसा करें और उन्हें अभ्यास करते रहने के लिए प्रोत्साहित करें। एकाएक पूर्णता की उम्मीद न करें।
बाथरूम को साफ करना, फर्श को साफ करना और धूल झाडऩा कुछ ऐसे काम हो सकते हैं जिन्हें आप अपने बच्चे की टु-डू सूची में शामिल करते हैं। अपने कमरे की सफाई करना उन्हें खुद का दायित्व लगना चाहिए इसी तरह बाकी कामों में बच्चों को इस जोश के साथ लगाएं कि वे ऐसा करते हुए परिवार की मदद कर रहे हैं।
किशोरों को उन कार्यों की आवश्यकता है जो उन्हें वास्तविक दुनिया के लिए तैयार करेंगे। भोजन तैयार करना, लॉन घास काटना, या कपड़े धोने जैसे काम सौंपें। ये जीवन कौशल हाई स्कूल के बाद महत्त्वपूर्ण होंगे ताकि अगर उसे कहीं बाहर पढऩे जाना हो तो किशोर वय के बच्चे स्वतंत्र रूप से रह सके।
अपने किशोर को एक भत्ता देने से वह काम करने के लिए प्रेरित हो सकता है। यह आपके किशोरों को पैसे का प्रबंधन करने के तरीके को सिखाने के तरीके के रूप में भी काम कर सकता है। हालांकि एक वर्ग का कहना है कि बच्चों और किशोरों को काम के बदले धन के जरिए प्रोत्साहन नहीं दिया जाना चाहिए, यह विपरीत असर कर सकता है।
जूते रैक में रखने से लेकर पौधों को पानी देने में, बिस्तर लगाने में, गंदगी साफ करने में, ग्रॉसरी ठीक से रखने मे छोटे बच्चों की मदद ली जा सकती है। वहीं अपने खिलौने व्यवस्थित करने में, खुद की बिखेरी हुई चीजें समेटने जैसे तमाम काम बच्चों को खुद करने देने चाहिए।
कुछ शोध कहते हैं कि जो भी बच्चे घर के कामों में मदद करते हैं, वे अकसर पढ़ाई में भी अच्छे होते हैं। घर के काम में हाथ बंटाने से बच्चों में आत्म-विश्वास बढ़ता है, वे हर काम कायदे से करना सीखते हैं और कुछ करने का उनका इरादा मजबूत होता है। ये सारी बातें कुछ सीखने और समझदार बनने के लिए जरूरी है।