समितियों के गठन में जयपुर के विधायकों ने अपने—अपने समीकरण साधने की कवायद की है। झोटवाड़ा से विधायक उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, मालवीय नगर विधायक चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, हवामहल विधायक सुरेन्द्र पारीक, सिविल लाइंस विधायक समाज कल्याण एवं आधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी, आदर्श नगर विधायक अशोक परनामी और विद्याधर नगर विधायक नरपत सिंह राजवी की पसंद को समिति गठन में तवज्जो दी गई है। जबकि बगरू विधायक कैलाश वर्मा, किशनपोल विधायक मोहनलाल गुप्ता और सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी समिति गठन में बेअसर रहे हैं। इसी साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी विधायक अपने—अपने क्षेत्र के पार्षदों को समितियों में जगह दिलाकर उन्हें खुश करना चाह रहे थे।
नगर निगम की 4 नई समितियों सहित कुल 22 संचालन समितियों का गठन किया गया है। जबकि विद्युत समिति को 3 समितियों में बांटा गया है। खास बात यह है कि पूर्व महापौर निर्मल नाहटा के समय बनी समितियों के कुछ अध्यक्षों को नई सूची में जगह नहीं मिली है। वहीं ज्यादातर चेयरमैनों की समितियां बदल दी गई है। निगम ने सफाई समिति की ही तरह इस बार सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के भी तीन चेयरमैन बनाए हैं। इस सूची में भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए तीनों पार्षदों को कोई समिति नहीं दी गई है। उप महापौर मनोज भारद्वाज से नियम-उपनियम समिति छीनकर तेजेश शर्मा को दे दी गई है। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत गुट के मान पंडि़त से लोकवाहन समिति छीनकर उन्हें सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था समिति में वार्ड संख्या—1 से 31 दिए गए हैं। इसी तरह राखी राठौड़ को वित्त समिति की बजाय अपराधों का शमन समिति का चेयरमैन बनाया गया है। महापौर अशोक लाहोटी ने भवन अनुज्ञा एवं संकर्म समिति खुद के पास रखी है। निगम समितियों में 214 सदस्य बनाए गए हैं। गौरतलब है कि 13 दिसम्बर 2016 को नगर निगम समिति अध्यक्षों से इस्तीफे लिए गए थे।