बीते तीन लोकसभा चुनावों की बात करें तो प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार रही है, उसे ही लोकसभा चुनाव में सीटें ज्यादा मिली हैं। 2004, 2009 और 2014 के चुनाव परिणाम प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में रहे हैं। दरअसल 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में भाजपा की सरकार थी तो चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में आया, यहां भाजपा को 21 सीटें और कांग्रेस को 4 सीटें मिली।
इसी तरह 2009 के लोकसभा चुनावों के दौरान राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, तो कांग्रेस के खाते में 20 और भाजपा के खाते में 4 सीटें आईं, एक सीट निर्दलीय के खाते में गई। इसी तरह 2014 लोकसभा चुनावों के दौरान राज्य में भाजपा की सरकार थी तो प्रचंड मोदी लहर के चलते भाजपा ने इस चुनाव में क्लीन स्वीप किया। सभी 25 सीटें भाजपा के खाते में गई।
हालांकि बाद में दो लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिली।
भाजपा-कांग्रेस का मिशन 25
लोकसभा चुनावों को लेकर दोनों ही दलों के अपने-अपने दावे हैं, और दोनों ही दल मिशन 25 के टारगेट को लेकर चल रहे हैं, इसीलिए भाजपा-कांग्रेस में पिछले डेढ़ माह से जिताऊ चेहरों की तलाश चल रही है। 2014 के चुनाव की तरह ही भाजपा को इस बार भी पीएम मोदी का सहारा है तो कांग्रेस राहुल गांधी और प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ रही है। हालांकि अब देखने वाली बात होगी कि प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनावों में परिणाम किसके पक्ष में जाता है।
तीन लोकसभा चुनाव का रिजल्ट
2004– भाजपा 21, कांग्रेस 4
2009 कांग्रेस—20, भाजपा 4
2014 भाजपा —25- कांग्रेस 0