साक्षी फिरोजपुर (पंजाब) की रहने वाली थी। शाम को परिजन जयपुर पहुंचे तो अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उनका आरोप था कि उनकी बेटी को कामकाज के दौरान सीनियर्स ने इतना टॉर्चर किया वह परेशान हो गई। आत्महत्या से पहले मंगलवार रात 9:30 बजे उसकी मां अंजू से आखिरी बात हुई थी, तब भी वह परेशान थी। लेकिन उसने मां को दिलासा दिया था कि मां सब ठीक हो जाएगा।
बिलखती मां बोली- साक्षी बहुत होनहार थी। साक्षी जयपुर आई थी। लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि वह यहां आई भी और ऐसे चली भी जाएगी। साक्षी के पिता सोमेश गुप्ता ने लाल कोठी थाने में पांच सीनियर्स पर उनकी बेटी को टॉर्चर करने की लिखित शिकायत दी है। बुधवार देर रात साक्षी के माता-पिता व अन्य लोग मोर्चरी के सामने धरने पर बैठ गए। देर रात दो विधायक भी पहुंच गए।
सबके सामने अपमानित करते थे
साक्षी के माता-पिता ने कहा कि वह होनहार थी। साक्षी बहुत गंभीर थी, तभी सारे एग्जाम पास कर यहां तक पहुंची थी। वह अभी सीख रही थी। लेकिन उसे मौका ही नहीं दिया। उसे लेबर रूम और वार्ड में सबके सामने अपमानित कर अपशब्द तक बोले जाते थे। साक्षी ने मई में एसएमएस मेडिकल कॉलेज ज्वाइन किया था। फरीदकोट से साक्षी ने एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। साक्षी ने कभी भी किसी सीनियर्स को पलटकर जवाब नहीं दिया था। वो तो बिल्कुल गाय के समान सीधी लड़की थी। इतने सालों तक पढ़ाई में लगी रही, अभी मौज के दिन आए थे।