पीड़ि़ता अंजनी बर्मन ने आरोप लगाते हुए बताया कि वह महारानी फॉर्म स्थित रघु विहार में एक घर में पिछले दो साल से साफ-सफाई का काम कर रही है। पिछली 19 अप्रैल को मकान मालिक राम चौधरी और इंदू चौधरी ने बुलाकर घर में बंधक बना लिया और हार चोरी का अरोप लगाकर मारपीट शुरू कर दी। इतना ही नहीं मकान मालिक ने शिप्रा पथ थाने से तीन पुलिसकर्मियों को भी बुला लिया, जिन्होंंने घर पर ही मारपीट की। इसके बाद पुलिस की गाड़ी में बिठाकर मारते हुए थाने ले गए। यहां कुर्सी पर बांधकर पुलिसकर्मियों ने बैल्ट और डंडे से हार चोरी का आरोप लगाते हुए मारपीट की। पीड़ि़ता ने आरोप लगाया कि रात करीब साढ़े नौ बजे पुलिसकर्मी महिला को थाने के पीछे ले गए, जहां पेड़ से बांधकर साड़ी उतार दी। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने बैल्ट से फिर बेहरमी से पीटा। इसके बाद पीडि़ता बेहोश हो गई। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने थाने में पीड़ि़ता के पति को भी बंद कर रखा।
सुबह मालिक आकर बोला-हार घर में ही मिल गया पीड़ि़ता अंजनी बर्मन ने आरोप लगाए कि सुबह करीब साढ़े 6 बजे मकान मालिक ने आकर थाने में बताया कि उसका हार घर में ही मिल गया है। इसके बाद मकान मालिक और पुलिसकर्मियों ने पीड़ि़ता से खाली कागज पर हस्ताक्षर करा लिए। मकान मालिक कार में बिठाकर पीड़ि़ता को थाने से लगा और 500 रुपए देकर मामला रफा-दफा करने के लिए कहा। राजस्थान महिला कामगार यूनियन के समाने मामला सामने आया तो जयपुरिया अस्पताल में पीड़ि़ता का मेडिकल कराया गया, जहां महिला के शरीर के चोट के निशान पाए गए।
आयुक्त से शिकायत सिर्फ जांच अधिकारी बदला संगठन से जुड़े हरकेश बुगालिया और कविता श्रीवास्तव ने बताया कि कार्रवाई की मांग को लेकर यूनियन के कार्यकर्ता डीसीपी योगेश दाधीच से मिले। इसके बाद डीसीपी के निर्देश पर थानाधिकारी ने शिप्रा पथ थाने में रिपोर्ट दर्ज की लेकिन रिपोर्ट से मकान मालिक और पुलिसकर्मियों के नाम हटा दिए और अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। इसके बाद गत 15 मई को यूनियन के पदाधिकाारी पुलिस कमिश्नर से मिले, इसके बाद जांच बदलकर कमिश्ररेट में महिला अधिकारी को दे दी गई।