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जयपुर

जनसंख्या दिवस: महिला शिक्षा बढ़ी तो घटती गई प्रजनन दर

दो बच्चों के कानून में राजस्थान ने की पहल

जयपुरJul 11, 2021 / 12:31 am

Shailendra Agarwal

population control law

population control law

जयपुर। उत्तरप्रदेश में दो से अधिक बच्चे वालों को पंचायत व शहरी निकाय चुनाव से रोकने की तैयारी है, लेकिन पंचायती राज संस्था और शहरी निकाय चुनाव में दो बच्चों का कानून लागू करने की पहल राजस्थान ने की। प्रदेश में इसके लिए 27 साल पहलू कानून बनाया गया। उधर, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों के अनुसार प्रजनन दर का महिला साक्षरता से सीधा संबंध है, महिला साक्षरता में बढ़ोतरी से प्रदेश में प्रजनन दर में 1.2 की कमी आई है।
राज्य में पंचायत राज संस्थाओं के लिए 27 साल पहले बने कानून में दो बच्चों से अधिक वालों को चुनाव लड़ने से रोकने का प्रावधान किया। जनसंख्या नीति में भी ऐसा प्रावधान लागू हुए 21 साल हो गए। इस बीच करीब 12 राज्यों में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के लिए इस तरह के कानून बने, लेकिन मध्यप्रदेश व हिमाचल प्रदेश कानून वापस ले चुके है। कानून के पहले से लेकर अब तक के प्रजनन दर के आंकड़ों में महिला शिक्षा और प्रजनन दर का सीधा संबंध सामने आया है।
अब महिलाएं पुरुषों से आगे
उच्च शिक्षा को लेकर केन्द्र सरकार की नवीनतम रिपोर्ट में सामने आया है कि उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश में महिलाएं पुरुषों से आगे निकल गई हैं।
महिला शिक्षा बढ़ी तो कम हुई प्रजनन दर (प्रजनन दर मतलब औसत बच्चे प्रति महिला )

वर्ष ————————स्रोत——————महिला शिक्षा——————महिला उच्च शिक्षा————प्रजनन दर
1991—92 — एनएफएचएस—प्रथम— 25 प्रतिशत ————————3 प्रतिशत————————3.6
2015—16———एनएफएचएस—चतुर्थ———57 प्रतिशत—————12 प्रतिशत———————2.4
‘प्रजनन दर का समग्र विकास से सीधा संबंध है। चुनाव संबंधी कानून या राजकीय सेवा के लिए जनसंख्या नीति, इनके दायरे में सीमित परिवार ही आते हैं। प्रजनन दर कम होने के लिए महिला शिक्षा और समाज में जनसंख्या में कमी लाने के लिए माहौल अधिक कारगर है।’— प्रो. डी के मंगल, जनसंख्या विश्लेषक

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