दोपहर के ढ़ाई बजे जब रिपोर्टर ने टोंक फाटक से महारानी फार्म तक के लिए ९ए लो फ्लोर बस पकड़ी और महारानी फॉर्म तक जाने के लिए एक टिकट खरीदा। जब रिपोर्टर आगे बढ़ी तो उसने देखा की एक पुरुष यात्री महिला सीट पर बैठा हुआ है, तो रिपोर्टर ने उस पुरुष यात्री से कहा कि यह महिला सीट है यहां से उठो,लेकिन वहां यात्री रिपोर्टर से अभद्र व्यवहार करने लगा उसने कहा की कहीं और बैठ जाओ मैं सीट से क्यों उठूं।
दोपहर के साढ़े 3 बजे रिपोर्टर ने बस का दोबारा जायजा लेने के लिए महारानी फॉर्म से मानसरोवर तक ९ए बस से सफर तय किया। जिसमें बस कंडक्टर ने ख़ुद जाकर पुरुष यात्रियों को उठाया जो की महिला सीट पर बैठा हुआ था। कंडक्टर ने पुरुष यात्री से कहा कि यह महिला सीट है आप जाइए और इस महिला को बैठने दीजिए। पहले तो यात्री ने थोड़ी आनाकानी कि, कांडक्टर के बार-बार कहने पर वह सीट से उठ गया और महिला रिपोर्टर को सीट दे दी।
पुरूष यात्री जानबूझ के धक्का देते हैं और कभी-कभी तो छूने की भी कोशिश करते हैं। मना करने पर बोलते हैं कि पीछे से धक्का आ रहा है। भीड़ बहुत है यह कह कर बच निकलते हैं। साथ ही महिलायात्री ने यह भी बताया कि ऐसी हरकतें बस में होना अब अड्डाम बात हो गई है। जिस वजह से अब महिलाएं इन हरकतों का विरोध नहीं करती।
एक लड़की बस में काफी सहमी हुई खड़ी थी। जब महिला रिपोर्टर ने उस लड़की से जाकर बात करने की कोशिश की तो उस लड़की ने बात करने से मना कर दिया, लेकिन रिपोर्टर ने उसे दुबारा बात की तो उस लड़की ने बताया एक बार वो रात के समय कोचिंग से अपने घर जा रही थी। उस समय बस में काफी भीड़ थी, घर जल्दी जाना था। इसलिए बस में चढ़ गई वह खड़े होने के लिए कोई जगह ढूंढ रही थी। मजबूरन उसे दो लड़कों के पास के खड़ा होना पड़ा। उसने बताया कि उन लड़कों ने उस लड़की के साथ काफी अभद्र व्यवहार किया। तब से वह लड़की बस में सफर करने के लिए काफी डरती है कहती है। उसने कहा कि मुझे कोचिंग से कितनी भी देर क्यों न हो जाए,भरी बस में नहीं करती सफर।